
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने धान खरीदी, किसान पंजीयन, और राज्य की प्रमुख योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर महत्वपूर्ण दिशानिर्देश दिए हैं।
आइए इसे विस्तृत, विश्लेषणात्मक और रिपोर्टिंग शैली में समझते हैं 👇
🏛️ अवकाश के दिन हुई कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस — मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सख्त और स्पष्ट कार्यशैली का परिचय
📅 दिन और स्थान
- तारीख: रविवार, 12 अक्टूबर 2025
- स्थान: मंत्रालय (मंञालय महानदी भवन, रायपुर)
- अध्यक्षता: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
- उपस्थित अधिकारी: मुख्य सचिव, सभी विभागीय सचिव, संभागायुक्त, और प्रदेश के समस्त ज़िलों के कलेक्टर

🕰️ समय से पहले शुरू — ‘वर्क एथिक’ का नया उदाहरण
यह बैठक विशेष रही क्योंकि —
- अवकाश (रविवार) के दिन होने के बावजूद इसे आयोजित किया गया,
- और वह भी निर्धारित समय से पहले शुरू की गई।
इससे यह संकेत गया कि मुख्यमंत्री चाहते हैं कि प्रशासनिक कामकाज में गति और अनुशासन दोनों रहें, और
“सप्ताहांत या छुट्टी भी विकास के काम को रोक न सके।”
🌾 बैठक का मुख्य फोकस: धान खरीदी व्यवस्था की तैयारी
🔹 मुख्यमंत्री के निर्देश
- “किसानों का एक-एक दाना धान खरीदा जाएगा।”
मुख्यमंत्री ने यह भरोसा दिलाया कि सरकार किसानों के हितों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि धान खरीदी में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। - किसान पंजीयन की समीक्षा
- किसान पोर्टल में किसानों का शत-प्रतिशत (100%) पंजीयन समय पर पूरा किया जाए।
- जिन जिलों में पंजीयन की गति धीमी है, उनसे कारण और आगे की कार्ययोजना मांगी गई।
- नेटवर्क या तकनीकी समस्या वाले इलाकों में विशेष शिविर लगाकर किसानों का ऑन-साइट पंजीयन करने के निर्देश दिए गए।
- प्राथमिकता — ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूरस्थ अंचलों में रहने वाले किसानों को भी उसी सुविधा का लाभ मिले जो शहर या मुख्यालय के किसानों को मिलता है।
इसके लिए खाद्य विभाग, सहकारिता विभाग, और जिला प्रशासन को समन्वय में काम करने के लिए कहा गया।
📊 बैठक की कार्यसूची
सूत्रों के अनुसार, कॉन्फ्रेंस में निम्न मुद्दों की समीक्षा की जा रही है:
- धान खरीदी की तैयारी (मंडियों, बारदाना, परिवहन और भंडारण)
- किसान पंजीयन पोर्टल की प्रगति रिपोर्ट
- खरीदी केंद्रों की भौगोलिक स्थिति और लॉजिस्टिक्स
- राज्य की प्रमुख योजनाओं का क्रियान्वयन (जैसे मुख्यमंत्री कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, आदि)
🗣️ खाद्य विभाग से चर्चा की शुरुआत
मुख्यमंत्री ने बैठक की शुरुआत खाद्य विभाग की समीक्षा से की —
यानी सीधे उस विभाग से जिससे धान खरीदी, बारदाना प्रबंधन, और संग्रहण जुड़ा है।
इससे संकेत मिला कि सरकार का प्राथमिक फोकस किसानों को समय पर भुगतान और पारदर्शी खरीदी व्यवस्था सुनिश्चित करना है।
🧩 मुख्य सचिव और सचिवों की भागीदारी
- मुख्य सचिव ने प्रत्येक जिले से खरीदी केंद्रों की तैयारी और पोर्टल पंजीयन की वास्तविक स्थिति की जानकारी ली।
- विभागीय सचिवों ने बताया कि सॉफ़्टवेयर अपग्रेड, सर्वर क्षमता, और ग्रामीण नेटवर्क सुधार पर भी काम चल रहा है।
💬 राजनीतिक और प्रशासनिक संकेत
- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की इस पहल को “कार्यसंस्कृति में सुधार” और “किसान हित की प्रतिबद्धता” के रूप में देखा जा रहा है।
- रविवार को बैठक बुलाना यह दर्शाता है कि सरकार समयबद्ध और परिणामोन्मुख प्रशासन की दिशा में गंभीर है।
- विशेषकर जब धान खरीदी सीज़न (नवंबर–फरवरी) शुरू होने वाला है, तब यह मीटिंग एक तैयारी समीक्षा के रूप में अहम है।
🌱 पृष्ठभूमि: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का महत्व
- छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा (Rice Bowl of India) कहा जाता है।
- राज्य सरकार हर साल लगभग 90 लाख टन से अधिक धान खरीदती है।
- पंजीकृत किसानों की संख्या 20 लाख से ऊपर है।
- खरीदी में देरी या तकनीकी गड़बड़ी होने पर किसानों को आर्थिक नुकसान होता है — इसलिए सीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि
“किसी भी किसान को पंजीयन या भुगतान में परेशान न होना पड़े।”
📌 मुख्य बिंदु एक नज़र में
विषय | विवरण |
---|---|
बैठक | कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस |
दिन | रविवार (अवकाश दिवस) |
स्थान | मंत्रालय, रायपुर |
अध्यक्षता | मुख्यमंत्री विष्णु देव साय |
प्रारंभ | निर्धारित समय से पहले |
फोकस | धान खरीदी एवं किसान पंजीयन |
निर्देश | एक-एक दाना धान खरीदा जाएगा |
खास आदेश | नेटवर्क समस्या वाले क्षेत्रों में विशेष शिविर |
उपस्थित अधिकारी | मुख्य सचिव, सचिव, संभागायुक्त, कलेक्टर |
उद्देश्य | शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा और गति बढ़ाना |
🧭 संक्षिप्त विश्लेषण
यह बैठक केवल “औपचारिक समीक्षा” नहीं बल्कि एक संदेशात्मक कदम है —
कि मुख्यमंत्री साय की प्राथमिकता गति, अनुशासन और जमीनी क्रियान्वयन है।
अवकाश दिवस पर समय से पहले शुरू हुई यह कॉन्फ्रेंस इस बात का प्रतीक है कि
अब शासन का केंद्र “फाइलों से आगे, किसानों तक” पहुंचने पर है।