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भारत के स्मार्टफोन निर्यात में वृद्धि…

भारत के स्मार्टफोन निर्यात ने वित्तीय वर्ष 2026 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर) में $13.4 बिलियन तक पहुँचकर पिछले वर्ष की समान अवधि के $8.5 बिलियन से 59% की वृद्धि दर्ज की है। यह वृद्धि भारत के स्मार्टफोन विनिर्माण क्षेत्र की मजबूती और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है।

भारत के स्मार्टफोन निर्यात में वृद्धि – विवरण

1️⃣ निर्यात आंकड़े

  • वित्तीय वर्ष 2026 (FY26) की पहली छमाही (अप्रैल 2025 – सितंबर 2025) में भारत ने $13.4 बिलियन के स्मार्टफोन निर्यात का रिकॉर्ड बनाया।
  • पिछली छमाही (FY25 की समान अवधि) में यह आंकड़ा $8.5 बिलियन था।
  • वृद्धि दर: लगभग 59%

2️⃣ वृद्धि के प्रमुख कारण

  1. स्थानीय उत्पादन क्षमता में सुधार:
    • भारत में स्मार्टफोन विनिर्माण संयंत्रों की संख्या और उत्पादन क्षमता लगातार बढ़ रही है।
    • कंपनियाँ जैसे Samsung, Apple, Xiaomi, Vivo, OPPO, Realme भारत में बड़े पैमाने पर उत्पादन कर रही हैं।
  2. वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनना:
    • हाल के वर्षों में चीन से उत्पादन शिफ्ट होकर भारत और अन्य देशों में आया।
    • भारत अब “ग्लोबल मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब” के रूप में उभर रहा है।
  3. सरकारी पहलें:
    • PLI (Production Linked Incentive) Scheme ने स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण को बढ़ावा दिया।
    • आयात शुल्क में सुधार और निर्यात प्रोत्साहन से निवेश बढ़ा।

3️⃣ मुख्य निर्यात गंतव्य

  • अमेरिका, यूरोप, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका प्रमुख निर्यात बाजार हैं।
  • Apple iPhones और Samsung के फ्लैगशिप मॉडल भारत से वैश्विक बाजार में निर्यात किए जा रहे हैं।
  • बजट और मिड-रेंज स्मार्टफोन्स का निर्यात विशेष रूप से अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया में बढ़ा है।

4️⃣ भविष्य की संभावना

  • निर्यात लक्ष्यों में वृद्धि: विशेषज्ञों का अनुमान है कि FY26 में कुल स्मार्टफोन निर्यात $30 बिलियन से अधिक हो सकता है।
  • स्थानीय विनिर्माण का विस्तार: भारत में नई फैक्ट्री और R&D सेंटर खुल रहे हैं।
  • वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की हिस्सेदारी बढ़ेगी, जिससे रोजगार और तकनीकी क्षमता में भी सुधार होगा।

🔹 निष्कर्ष

भारत के स्मार्टफोन उद्योग की यह वृद्धि आर्थिक मजबूती, वैश्विक प्रतिस्पर्धा और डिजिटल इंडिया पहल का सकारात्मक संकेत है।
यह केवल निर्यात में बढ़ोतरी नहीं है, बल्कि भारत को विश्व स्तर पर मोबाइल निर्माण और टेक्नोलॉजी हब के रूप में स्थापित करने का अवसर है।

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