
बस्तर दशहरा लोकोत्सव 2025 में आज का दिन कितना खास है और क्यों पवनदीप राजन का लाइव परफॉर्मेंस इस ऐतिहासिक उत्सव का आकर्षण बनने वाला है 👇
🎉 बस्तर दशहरा लोकोत्सव 2025 — आज का भव्य आयोजन
स्थान: लालबाग मैदान, जगदलपुर (जिला बस्तर, छत्तीसगढ़)
विशेष अवसर: मां दंतेश्वरी और मां मावली की डोली की विदाई
विशेष प्रस्तुति: इंडियन आइडल विजेता और बॉलीवुड सिंगर पवनदीप राजन का लाइव कॉन्सर्ट

🕉️ बस्तर दशहरा — विश्व प्रसिद्ध परंपरा
- बस्तर दशहरा भारत का सबसे लंबा (75 दिन का) और अद्वितीय धार्मिक-सांस्कृतिक पर्व है।
- यह सिर्फ “रावण दहन” वाला दशहरा नहीं, बल्कि “मां दंतेश्वरी देवी” की आराधना और बस्तर की लोकपरंपराओं का संगम है।
- इस पर्व में रावण दहन नहीं होता, बल्कि मां मावली (जगदलपुर) और मां दंतेश्वरी (दंतेवाड़ा) की प्रतीकात्मक मिलन और विदाई की रस्में होती हैं।
- यह आयोजन राजपरिवार, मुरिया-माड़िया जनजातियों, पुजारियों और हजारों श्रद्धालुओं की सहभागिता से संपन्न होता है।
👑 आज की मुख्य रस्म — मां दंतेश्वरी और मां मावली की डोली की विदाई
- आज का दिन दशहरा उत्सव का सबसे भावनात्मक और पारंपरिक रूप से महत्वपूर्ण दिन है।
- सुबह से ही जगदलपुर किला परिसर और मावली माता मंदिर में पारंपरिक पूजा, ढोल-नगाड़े और नृत्य के साथ देवी की डोली सजाई जाती है।
- शाम के समय, दोनों देवियों की डोली और छत्र (राजचिह्न) की विदाई यात्रा होती है —
जिसे बस्तर राजपरिवार के प्रतिनिधि कमलचंद भंजदेव और पारंपरिक पुजारियों की उपस्थिति में पूरा किया जाता है। - विदाई के बाद मां दंतेश्वरी की डोली पुनः दंतेवाड़ा के लिए रवाना होती है।
यह रस्म “दशहरा समाप्ति का प्रतीकात्मक क्षण” मानी जाती है — जिसमें भक्त देवी की विदाई के साथ अगले वर्ष के लिए पुनः उनके आगमन की कामना करते हैं।
🎶 पवनदीप राजन का लाइव परफॉर्मेंस — सुरों की महफ़िल
- आज शाम लालबाग मैदान, जगदलपुर में इंडियन आइडल 12 के विजेता और बॉलीवुड सिंगर पवनदीप राजन मंच पर लाइव प्रस्तुति देंगे।
- यह कार्यक्रम बस्तर दशहरा लोकोत्सव की सांस्कृतिक संध्या का मुख्य आकर्षण होगा।
- आयोजन स्थल को पारंपरिक छत्तीसगढ़ी कला, रोशनी और झंडों से सजाया गया है।
- पवनदीप राजन अपने प्रसिद्ध गानों — जैसे “तेरा होने लगा हूं”, “तू ही रे”, “गल्लां करें” और पहाड़ी लोकगीतों की प्रस्तुति देंगे।
🎤 मंचीय कार्यक्रम की रूपरेखा:
- लोकनृत्य और स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति से शुरुआत
- फिर पवनदीप राजन का लाइव म्यूज़िक शो (लगभग 2 घंटे)
- समापन पर आतिशबाज़ी और देवी विदाई की प्रतीकात्मक आरती
🌟 तीन दिनों तक संगीत का उत्सव
- लालबाग मैदान में पिछले तीन दिनों से लगातार सांस्कृतिक संध्याओं का आयोजन हो रहा है।
- इसमें छत्तीसगढ़ी लोक कलाकार, आदिवासी नृत्य समूह, लोकगायक और बॉलीवुड अतिथि कलाकार भाग ले रहे हैं।
- कल तक लोकनृत्य समूहों ने “ढोल कलांगी, पंथी, सुआ नृत्य, और गोंडी नाचा” जैसी पारंपरिक प्रस्तुतियाँ दी थीं।
- आज का कार्यक्रम इस श्रृंखला का ग्रैंड फिनाले माना जा रहा है।
🪔 राजपरिवार और प्रशासन की उपस्थिति
- बस्तर राजपरिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव पूरे उत्सव का पारंपरिक संचालन कर रहे हैं।
- जिला प्रशासन, नगर निगम और पर्यटन विभाग ने मिलकर कार्यक्रम की सुरक्षा और व्यवस्थाओं की व्यापक तैयारियाँ की हैं।
- अनुमान है कि आज शाम को 50,000 से अधिक श्रद्धालु और दर्शक लालबाग मैदान में उपस्थित रहेंगे।
📜 संक्षेप में — आज का बस्तर दशहरा दृश्य
समय | कार्यक्रम | स्थान |
---|---|---|
सुबह | डोली की पूजा और तैयारियाँ | मावली मंदिर, जगदलपुर |
दोपहर | मां मावली और मां दंतेश्वरी की विदाई रस्म | किला परिसर |
शाम | सांस्कृतिक संध्या और लाइव कॉन्सर्ट (पवनदीप राजन) | लालबाग मैदान |
रात | देवी विदाई, आतिशबाज़ी और समापन | लालबाग मैदान |
🌄 सांस्कृतिक संदेश
बस्तर दशहरा यह दर्शाता है कि “यहां शक्ति की पूजा केवल राक्षस वध के प्रतीक से नहीं, बल्कि देवी और प्रकृति के मिलन से होती है।”
यह पर्व धर्म, संस्कृति, लोककला और जनभावना — सबका सुंदर संगम है।