छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ हापा एक्सप्रेस हादसा : सीनियर सेक्शन इंजीनियर और मेट को रेलवे ने किया निलंबित…

स्थान: जयरामनगर – लटिया के बीच (बिलासपुर रेल मंडल)
तारीख व समय: शुक्रवार शाम, लगभग 5 बजे (19 सितम्बर 2025)
ट्रेन: पोरबंदर–शालीमार हापा एक्सप्रेस (12905, डाउन लाइन हावड़ा की ओर)
🛑 घटना कैसे हुई?
- ट्रेन जब किमी 698/20A – 698/18A के बीच पहुँची,
- ट्रेन चालक ने देखा कि इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारी ट्रैक पर रेलडाली (रेल का सामान/ट्रॉली) रखकर काम कर रहे थे।
- ड्राइवर ने कई बार सीटी (हॉर्न) बजाई, लेकिन कर्मचारी न हटे और न ही रेलडाली हटाई गई।
- चालक ने तुरंत आपातकालीन ब्रेक लगाए।
- फिर भी ट्रेन रेलडाली से टकरा गई और तभी जाकर रुक पाई।

👉 सौभाग्य से कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन यह घटना हजारों यात्रियों की जान के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकती थी।
⚡ जांच और प्रारंभिक निष्कर्ष
- ड्राइवर ने घटना के तुरंत बाद अकलतरा स्टेशन पर मेमो दर्ज कराया।
- रेल प्रशासन ने 4 सदस्यीय जांच टीम बनाई।
- जांच में पाया गया कि:
- मेट संतराम की सीधी लापरवाही थी।
- मौके पर मौजूद अन्य कर्मचारी भी जिम्मेदार थे क्योंकि उन्होंने रेलडाली नहीं हटाई।
- सीनियर सेक्शन इंजीनियर प्रदीप मिंज ने लगभग 3 बजे संतराम को दिशा-निर्देश दिए थे और फिर दूसरे कार्य निरीक्षण के लिए चले गए थे → यानी अप्रत्यक्ष रूप से उनकी भी जिम्मेदारी बनती है।
🚨 तात्कालिक कार्रवाई
- निलंबित कर्मचारी:
- प्रदीप मिंज – सीनियर सेक्शन इंजीनियर (SSE)
- संतराम – मेट
- आरोप:
- रेलवे सुरक्षा मानकों का उल्लंघन।
- कार्यस्थल पर गंभीर लापरवाही।
- यात्रियों की जान खतरे में डालना।
🧾 आगे की प्रक्रिया और संभावित कार्रवाई
- अधिकारियों की एक विशेष टीम अब विस्तृत जांच कर रही है।
- रिपोर्ट आने के बाद:
- इंजीनियरिंग विभाग के अन्य जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी भी सज़ा की जद में आ सकते हैं।
- इसमें ड्यूटी पर तैनात मुंशी और अन्य कर्मचारी शामिल हो सकते हैं।
✨ महत्व क्यों?
- यह मामला रेलवे में सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी को उजागर करता है।
- ट्रेन ड्राइवर की सतर्कता से बड़ी दुर्घटना टली।
- लेकिन यह भी साबित हुआ कि जमीनी स्तर पर कार्य निष्पादन में गंभीर खामियाँ हैं।
- रेलवे प्रशासन इसे “गंभीर अपराध” मानकर त्वरित कार्रवाई कर रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों।
👉 कुल मिलाकर, यह घटना एक “बड़ा अलार्म” है कि लापरवाही से रेल सुरक्षा कितनी प्रभावित हो सकती है। अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि विस्तृत जांच रिपोर्ट में और किन अधिकारियों पर गाज गिरती है।