मनेन्द्रगढ़ में उद्योग-बैंकर्स संवाद कार्यशाला का हुआ भव्य आयोजन संपन्न

जिले के औद्योगिक विकास को नई दिशा देने का लिया गया संकल्प
जिले में उद्योग एवं व्यापार जगत को नई दिशा देने और उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विमल श्री टॉकीज, मनेन्द्रगढ़ में “उद्योग-बैंकर्स संवाद“ कार्यशाला का भव्य आयोजन किया गया। इस एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र तथा छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज, जिला एमसीबी के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ शासन के वाणिज्य और उद्योग, श्रम एवं आबकारी मंत्री लखनलाल देवांगन एवं विशिष्ट अतिथि स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल एवं अपर कलेक्टर नम्रता आनंद डोंगरें, एसडीएम विजयंेन्द्र सारर्थी, महाप्रबंधक टी आर कष्यप अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

इसके साथ ही चिरमिरी महापौर रामनरेश राय एवं जिला अध्यक्ष श्रीमती चंपादेवी पावले भी मौजूद रहीं। इस कार्यशाला में छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास नीति 2024-2030 की विस्तृत जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में संवाद के दौरान सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम ( MSME ) इकाइयों, महिला उद्यमियों, स्व-सहायता समूहों और कारीगरों को बैंक ऋण, सरकारी योजनाओं एवं वित्तीय सहायता से जोड़ने पर विशेष जोर दिया गया। विभिन्न बैंकों के अधिकारियों ने उद्यमियों को ऋण योजनाओं की बारीकियों से अवगत कराया और MSME इकाइयों की वित्तीय समस्याओं के समाधान हेतु आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया। वहीं क्रेडिट लिंक्ड योजनाओं जैसे CGTMSE और PMEGP की जानकारी विस्तार से साझा की गई। सेन्ट्रल बैंक के रीजनल मैनेजर रणधीर सिंह और पंजाब नेशनल बैंक के एजीएम आलोक कुमार ने बैंकों की योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मुद्रा लोन की सीमा अब 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दी गई है, जिससे छोटे और मध्यम उद्यमियों को अधिक वित्तीय सहायता उपलब्ध होगी।
इसके साथ ही उद्योग विभाग के संयुक्त संचालक ऋतुराज ताम्रकार ने बताया कि रैप (RAMP) योजना विश्व बैंक समर्थित भारत सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य MSME क्षेत्र को कोविड-19 संकट से उबारना और उन्हें मजबूत बनाना है। इसके अंतर्गत बाजार तक पहुँच बढ़ाना, ऋण प्राप्ति को सुगम बनाना, संस्थागत सुदृढ़ीकरण, केंद्र-राज्य साझेदारी को मजबूत करना, विलंबित भुगतानों की समस्या का समाधान, हरित MSME को प्रोत्साहन और महिला सहभागिता को बढ़ावा देना जैसे लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।
कार्यशाला की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि उद्यमियों को सीधे बैंकर्स से संवाद करने का अवसर मिला, जिससे उनकी शंकाओं और समस्याओं का तत्काल समाधान हो सका। महिला उद्यमियों और स्व-सहायता समूहों के लिए विशेष सत्र आयोजित कर उन्हें वित्तीय सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में मार्गदर्शन दिया गया। वहीं एसईसीएल हसदेव क्षेत्र के एपी सिंह ने कहा कि चेम्बर ऑफ कॉमर्स को स्थानीय रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। छोटे-छोटे वेंडर्स तैयार करने और स्थानीय स्तर पर बने उत्पादों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि MSME क्षेत्र “वोकल फॉर लोकल” और “आत्मनिर्भर भारत” अभियान को गति प्रदान करता है। युवाओं को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा “नौकर मत बनिए, मालिक बनिए।”
मुख्य अतिथि उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने अपने ओजस्वी संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत 2047 तक विकसित देश बनेगा और छत्तीसगढ़ इस परिवर्तन की अग्रिम पंक्ति में होगा। उन्होंने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देने और रोजगार सृजन के लिए औद्योगिक विकास अत्यंत आवश्यक है। श्री देवांगन ने विस्तार से बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति बनाई गई है, उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए जापान और कोरिया में इन्वेस्टर्स समिट का सफल आयोजन किया है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आने शुरू हो गए हैं। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा, हमारी सरकार ने अब तक 32,000 युवाओं को रोजगार प्रदान किया है और राज्य में निवेशकों की संख्या 6.65 लाख से बढ़कर 7.50 लाख हो गई है। आने वाले समय में केल्हारी, भरतपुर, चिरमिरी और मनेंद्रगढ़ में नए उद्योग स्थापित किए जाएंगे।
छोटे व्यापारियों के लिए राहत की घोषणा करते हुए मंत्री ने कहा, छोटे व्यापारियों को प्राथमिकता देते हुए ई-वे बिल की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। इससे छोटे व्यवसायियों को काफी सहूलियत मिलेगी। श्री देवांगन ने चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की मांगों को तत्काल पूरा करने का ऐलान करते हुए कहा, चौनपुर इंडस्ट्रीज एरिया का संधारण किया जाएगा, डीसीआई भवन का निर्माण कराया जाएगा, केल्हारी में 37 एकड़ जमीन में इंडस्ट्री एस्टेट विकसित की जाएगी, परसगढ़ी इंड्रस्ट्रीज एरिया का डेवलपमेंट किया जाएगा और चिरमिरी में उद्योग के लिए उपयुक्त जमीन ढूंढ कर नई इंडस्ट्रीज खोली जाएंगी।
विशिष्ट अतिथि स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने अपने प्रभावी भाषण में कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय व्यापारियों और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए देश-विदेश में इन्वेस्टमेंट समिट कर रहे हैं, जिले की प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, मनेंद्रगढ़ जिला अपनी सुन्दरता और विकास की संभावनाओं के कारण चंडीगढ़ जैसा है और चिरमिरी कोयला खान के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने बताया कि राज्य में 7.5 करोड़ रुपये का निवेश आया है और प्राइवेट हॉस्पिटल्स को भी औद्योगिक नीति में शामिल किया जाएगा, जिससे स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
विशेषज्ञों ने बताया कि मूल्य निर्धारण दो प्रकार का होता है, प्रवेश मूल्य निर्धारण ( Penetration Pricing ) जिसमें ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए शुरुआती दौर में कीमतें कम रखी जाती हैं, जैसे जियो; और प्रीमियम मूल्य निर्धारण ( Premium Pricing ) जिसमें उत्पाद को ऊंची कीमत पर बाजार में उतारा जाता है और गुणवत्ता के आधार पर ग्राहकों को आकर्षित किया जाता है, जैसे एप्पल फोन। वहीं सीए अरिहंत जैन ने छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं को युवा उद्यमियों को बारीकी से समझाया। साथ ही प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम ( PMEGP) की विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि सामान्य श्रेणी के लिए शहरी क्षेत्र में 10: योगदान व 15: सब्सिडी, ग्रामीण क्षेत्र में 10: योगदान व 25: सब्सिडी दी जाती है। विशेष श्रेणी (महिला, एससी, एसटी, ओबीसी, दिव्यांग) के लिए शहरी क्षेत्र में 5: योगदान व 25: सब्सिडी, ग्रामीण क्षेत्र में 5: योगदान व 35: सब्सिडी का प्रावधान है।
कार्यशाला में बड़ी संख्या में उद्यमियों, कारीगरों और स्व-सहायता समूहों ने भाग लिया। जिले में स्वरोजगार और लघु उद्यमों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को ऋण स्वीकृत किया गया है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत मैसर्स उपश्याम ट्रेडर्स को छह लाख, मैसर्स न्येन कलेक्शन को दस लाख, मैसर्स सूरज फ़र्निचर मार्ट को नौ लाख, मैसर्स वकील फ़र्निचर मार्ट को दस लाख, मैसर्स विनायक इंटरप्राइजेज को पाँच लाख तथा नियाकत अली को पाँच लाख रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया है। इसी तरह कार्यशील पूँजी ऋण योजना के तहत मैसर्स सुरजीत वुड्स प्रोडक्ट्स को पैंतीस लाख रुपये का ऋण प्राप्त हुआ है। सीसीजीसीसी योजना के तहत शंकर कश्यप को साठ हजार रुपये का लाभ मिला है। वहीं पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत कल्पना को चार लाख, श्रीमती सीता बाई को नौ लाख, श्रीमती दीपा केवट को चार लाख और परसराम यादव को चार लाख रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया है।
समापन सत्र में जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के अधिकारियों ने प्रतिभागियों से अपील की कि वे भविष्य में भी ऐसी कार्यशालाओं में जुड़कर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं और जिले के औद्योगिक विकास में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि यह संवाद केवल एक कार्यक्रम नहीं बल्कि जिले के आर्थिक परिवर्तन की शुरुआत है। इस कार्यशाला के माध्यम से उद्यमियों और बैंकर्स के बीच एक सीधा सेतु निर्माण हुआ है, जो भविष्य में निवेश, ऋण प्राप्ति और व्यवसाय विस्तार में मददगार साबित होगा। जिले में उद्योग-व्यापार के नए युग की शुरुआत के इस ऐतिहासिक अवसर पर सभी प्रतिभागियों ने इसे एक सार्थक और सफल आयोजन बताया।