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दिल्ली में INDIA Bloc के ‘वोट चोरी’ विरोध पैदल मार्च…

दिल्ली में हुए INDIA Bloc के ‘वोट चोरी’ विरोध पैदल मार्च का विस्तार से सार दिया है — क्या हुआ, किसने किया, पुलिस/EC की प्रतिक्रिया और आगे क्या हो सकता है।
आज सुबह संसद परिसर (Makar Dwar) से राहुल गांधी के नेतृत्व में INDIA ब्लॉक के सांसदों ने चुनाव आयोग (EC) तक पैदल मार्च शुरू किया, लेकिन दिल्ली पुलिस ने बीच रास्ते में रोक दिया।

क्या हुआ — टाइमलाइन (मुख्य बिंदु)
- विपक्ष ने पहले से ऐलान किया था कि लगभग 300 सांसद (लगभग 25 पार्टियों के प्रतिनिधि) संसद से चुनाव आयोग तक मार्च निकालेंगे ताकि 2024 की “vote chori” और बिहार में चल रहे SIR (Special Intensive Revision) पर आवाज उठाई जा सके।
- सांसद संसद के Makar Dwar से निकल कर EC की ओर बढ़े, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें रोक दिया — पुलिस का कहना था कि मार्च के लिये उन लोगों ने अनुमति नहीं ली है। पुलिस ने चलते हुए मार्ग पर बैरिकेड लगाया।
- कुछ नेताओं ने बैरिकेड पार करने की कोशिश की — वीडियो में Samajwadi के Akhilesh Yadav का भी बैरिकेड लांघना दिखा और प्रियंका/अन्य नेताओं की मौजूदगी और प्रतिक्रियाएँ भी कैमरे में कैद हुईं। parlement सत्र को भी इस प्रदर्शन के कारण कुछ समय के लिये प्रभावित/adjourn करना पड़ा।

मुद्दा — विरोध किस बारे में है?
- विपक्ष का आरोप: 2024 लोकसभा चुनावों/कुछ स्थानों पर वोट सूची और वोटिंग प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई — राहुल गांधी ने “vote chori” के आरोप लगाए और SIR (खासकर बिहार में) को भी मुद्दा बनाया। विपक्ष पारदर्शिता और डेटा माँग रहा है।
- चुनाव आयोग (EC) ने पहले ही कुछ दावों पर राहुल गांधी से बयान/डिक्लेरेशन पर साइन या माफी माँगने का कहा था — इस पूरे विवाद में EC की भूमिका और जवाबदेही भी बहस का केंद्र है।
पुलिस और Election Commission (EC) की प्रतिक्रिया
- दिल्ली पुलिस: कहा कि मार्च के लिये कोई औपचारिक अनुमति नहीं मिली है; इसलिए रूट/सुरक्षा कारणों से रोकना पड़ा — पुलिस ने बताया कि भीड़/प्रोटेस्ट मैनेज करने के लिये आवश्यक व्यवस्थाएँ पहले से तय करनी होती हैं।
- EC की ओर से: रिपोर्ट्स में कहा गया कि चुनाव आयोग ने कुछ प्रतिनिधियों (करीब 30 सांसदों) को मिलने का समय दिया है — यानी EC ने बात करने का विकल्प भी रखा है, पर विपक्ष का दावा है कि आयोग पारदर्शिता से जवाब दे।
मीडिया/दृश्य — क्या वायरल हुआ
- कई चैनलों और सोशल मीडिया पर मार्च/रास्ते में रोके जाने के वीडियो तेजी से फैल रहे हैं — बीजेपी तथा विपक्ष दोनों इस घटना को अपने-अपने नजरिये से पेश कर रहे हैं। बैरिकेड पार करने और सांसदों के नारे लगाने के दृश्यों की कई क्लिपें उपलब्ध हैं।
आगे क्या संभव है (संभावनाएँ)
- विपक्ष़ मार्च जारी रखने/अपराधिक/नागरिक कार्रवाई की धमकी नहीं दे रहा — पर राजनीतिक दबाव बनेगा; EC और विपक्ष के बीच संवाद/मिलना (या नौटंकी) आगे के कदमों का निर्णायक साबित होगा। EC के पास स्पष्टीकरण देने और दस्तावेज़ माँगने/देने का रास्ता है; वहीं पुलिस की रोक से अस्थायी तनाव व मीडिया कवरेज बढ़ेगा।