छत्तीसगढ़
नन और ट्रैफिकिंग आरोप….

घटना का विवरण: नन और ट्रैफिकिंग आरोप
- दिनांक व स्थान: 26 जुलाई 2025 को दुर्ग रेलवे स्टेशन, छत्तीसगढ़
- गिरफ्तारी: दो केरल निवासी कैथोलिक नन (Sister Preeti Mary, Sister Vandana Francis) और एक स्थानीय व्यक्ति (Sukaman Mandavi, लगभग 19 वर्ष, नारायणपुर से) को मानव तस्करी और बलपूर्वक धर्मांतरण के संदेह में गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि वे तीन युवतियों को नर्सिंग नौकरी के बहाने आगरा ले जा रहे थे, बिना अभिभावक की अनुमति या पंजीकरण के ।
- प्रारंभिक जांच: पुलिस ने बताया कि अभिभावकों की सहमति नहीं थी, ‘पलायन रजिस्टर’ या ग्राम सचिव को जानकारी नहीं दी गई थी, जो गैरकानूनी माना जाता है ।

🧑🤝🧑 लोक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
- बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने स्टेशन पर धरना दिया और पुलिस में शिकायत दर्ज कर आरोपी ननों की गिरफ्तारी की मांग की।
- ईसाई समुदाय और स्थानीय हितधारकों ने ननों के समर्थन में प्रदर्शन किए और बयान दिया कि आरोप झूठे हैं
- बाद में संबंधित युवती (पीड़िता) ने आरोप लगाया कि बजरंग दल के लोग “झूठी” और “दबाव में दी गई” बयानबाजी के लिए मजबूर कर रहे थे, और ननस के पक्ष में बयान दिया — जिसके आधार पर अब पूरे मामले पर सवाल उठ रहे हैं ।
🏛 राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
- सीएम विष्णु देव साय ने घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा कि नाबालिग बेटियों को प्रशिक्षण की आड़ में ग़ैरकानूनी रूप से ले जाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा, “जांच जारी है, कानून अपना काम करेगी” और मामले को सब-इज्यूडी घोषित कर दिया।
- कांग्रेस नेता राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि ईसाई समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है, और यह मामला सांप्रदायिक रूप से भड़काने की साजिश है। उन्होंने ननों की तत्काल रिहाई और बजरंग दल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की ।
- केरल के मुख्यमंत्री पिनरयी विजयन ने कहा कि बजरंग दल की शिकायत झूठी थी और यह देश की धर्मनिरपेक्षता के लिए खतरा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप का अनुरोध किया ।
- बीजेपी के राज्य अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि यह पूरी तरह से “ग़लतफहमी” थी, ननों का समर्थन किया गया और कांग्रेस द्वारा मामले को राजनीतिक रंग देने की आलोचना की। उन्होंने स्पष्ट किया कि बजरंग दल अलग संगठन है, और यदि उन्होंने अनुचित नियमों का उल्लंघन किया तो उन्हें दंडित किया जाएगा ।
🧾 सारांश तालिका
पहलू | विवरण |
---|---|
गिरफ्तारियाँ | दो नन (केरल), एक स्थानीय युवा – human trafficking और forced conversion आरोप |
युवतियों की आयु | लगभग 18‑20 वर्ष, तीनों नारायणपुर की रहने वाली |
लोक प्रतिक्रिया | बजरंग दल की शिकायत सहित विरोध; विरोधियों ने दावा किया कि बयान दबाव में दिया गया |
राजनीतिक विरोध | राहुल गांधी व कांग्रेस ने धार्मिक निशाना बताकर ननों की रिहाई की मांग; केरल CM ने बीजेपी को चाल के रूप में बताया |
सरकारी रुख | सीएम ने जांच पर जोर, कानून का अनुपालन बताया, मामले को सब-इज्यूडी किया |
बीजेपी का बयान | ननों सहित कार्रवाई का विरोध; बजरंग दल को अलग संगठन बताते हुए निष्पक्ष जांच की बात कही |
🔎 निष्कर्ष
यह विवाद राजनीतिक विमर्श का केंद्र बन गया है क्योंकि मानव तस्करी तथा धर्मांतरण के गम्भीर आरोपों के बाद बजरंग दल, ईसाई समुदाय, राजनीतिक दलों और सरकारी पदाधिकारियों के बीच तीखी बहस छिड़ी हुई है।
- एक ओर बजरंग दल ने धार्मिक परिवर्तन और मानव तस्करी पर कार्रवाई की मांग की,
- दूसरी ओर ईसाई समुदाय एवं कांग्रेस ने इसे धार्मिक अल्पसंख्यकों के विरुद्ध साजिश और केंद्रीय सत्ता का दमन बताया,
- जबकि सरकार ने मामले को कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत रखते हुए सावधानी से काम लेने का आश्वासन दिया।
मामले का अगला निर्णायक मोड़ न्यायालयीन सुनवाई, पीड़िता का बयान, और अंतिम जांच रिपोर्ट पर निर्भर करेगा।