छत्तीसगढ़
“बने खाबो-बने रहिबो” विशेष जांच एवं जन-जागरूकता अभियान की शुरुआत….

अभियान का नाम और अवधि
- नाम: “बने खाबो – बने रहिबो” (अर्थ: जैसा खाएँगे, वैसा रहेंगे)
- अवधि: आज से 6 अगस्त तक
- स्थान: छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में
- आयोजन: खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग (Food & Drugs Administration)
- नेतृत्व: स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल

अभियान का उद्देश्य
- खाद्य सुरक्षा और जन-जागरूकता बढ़ाना – बरसात के मौसम में भोजन से जुड़ी बीमारियाँ (फूड पॉइजनिंग, डायरिया, हैजा आदि) बढ़ती हैं, इसलिए सुरक्षित भोजन की जानकारी देना।
- खाद्य प्रदायकों को प्रशिक्षण – होटल, ढाबा, रेस्त्रां, ठेले वाले और अन्य खाद्य विक्रेताओं को एफएसएसएआई (FSSAI) के नियमों और मानकों से अवगत कराना।
- जनजागरूकता – आम जनता को साफ-सुथरा और स्वास्थ्यकर भोजन अपनाने की प्रेरणा देना।
- खान-पान की आदतों में सुधार – लोगों को यह समझाना कि बरसात में किस तरह का भोजन सुरक्षित है और किन चीजों से बचना चाहिए।
कैसे चलेगा अभियान?
- निरीक्षण (Inspection):
- होटल, मिठाई की दुकानें, फास्ट-फूड सेंटर, डेयरी यूनिट्स और पैकेज्ड फूड तैयार करने वाली जगहों की सघन जांच होगी।
- खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर लैब में टेस्ट किए जाएंगे।
- मानक के विपरीत पाए गए उत्पादों पर कार्रवाई होगी।
- जन-जागरूकता गतिविधियाँ:
- पोस्टर-बैनर, वर्कशॉप और सेमिनार के जरिए लोगों को जागरूक करना।
- फूड हैंडलर्स (खाद्य बनाने और बेचने वाले) के लिए FSSAI गाइडलाइंस पर ट्रेनिंग।
- आम जनता को सही खान-पान और स्वच्छता के महत्व पर समझाना।
बरसात में क्यों जरूरी है यह अभियान?
- बारिश के मौसम में नमी और गंदगी की वजह से बैक्टीरिया तेजी से बढ़ते हैं।
- भोजन के खराब होने, पानी दूषित होने और फूड पॉइजनिंग, डायरिया, टाइफाइड, हैजा जैसी बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है।
- सड़क किनारे या अस्वच्छ जगहों पर बनने वाले खाने से संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ता है।
अपेक्षित परिणाम
- खाद्य प्रदायकों में जिम्मेदारी बढ़ेगी – वे भोजन को स्वच्छ और सुरक्षित रखने पर ध्यान देंगे।
- जनता में जागरूकता आएगी – लोग साफ और सुरक्षित भोजन की ओर आकर्षित होंगे।
- बीमारियों का खतरा कम होगा – बरसात में होने वाले फूडबॉर्न डिजीज़ पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।