मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने वैष्णव ब्राह्मण समाज को संबोधित करते हुए कहा कि इस समाज का इतिहास गौरवशाली, प्रेरणादायी और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला रहा है।
यह वक्तव्य उन्होंने रायपुर में आयोजित वैष्णव ब्राह्मण समाज के महासम्मेलन या सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान दिया।
🏛️ मुख्यमंत्री का वक्तव्य: मुख्य बिंदु
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने संबोधन में कहा:
“वैष्णव ब्राह्मण समाज ने भारत के सांस्कृतिक, धार्मिक, और वैचारिक मूल्यों को बनाए रखने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। यह समाज न केवल वेद-पुराणों के ज्ञाता हैं, बल्कि समाज को दिशा देने वाले भी हैं।”
🔹 वैष्णव ब्राह्मण समाज की विशेषताएँ जिनका उल्लेख किया गया:
1. धार्मिक नेतृत्व
वेद, उपनिषद, भगवद्गीता, रामायण और श्रीमद्भागवत जैसे ग्रंथों का गहरा अध्ययन।
समाज को धार्मिक और नैतिक शिक्षा देने में अग्रणी।
2. भक्ति आंदोलन में योगदान
संत तुलसीदास, संत वल्लभाचार्य, चैतन्य महाप्रभु जैसे महापुरुषों का उल्लेख जो वैष्णव परंपरा से जुड़े रहे।
समाज के भीतर भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण, राम की आराधना और प्रचार।
3. समाज सेवा और शिक्षा
वैष्णव ब्राह्मणों ने विभिन्न कालों में गुरुकुल, विद्यालय, आश्रम और संस्कृत शिक्षा केंद्रों की स्थापना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समाज ने आध्यात्मिक ज्ञान के साथ-साथ सामाजिक चेतना का भी प्रसार किया।
🧾 मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए सम्मान और आश्वासन:
मुख्यमंत्री श्री साय ने वैष्णव ब्राह्मण समाज की प्रतिभाओं को सम्मानित किया।
उन्होंने कहा कि सरकार पंडित, पुरोहित और वेदपाठी ब्राह्मणों के कल्याण के लिए योजना तैयार कर रही है।
समाज की ओर से मांग की गई कि:
संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा दिया जाए,
पुरोहित सम्मान योजना फिर से शुरू हो,
धार्मिक स्थलों की मरम्मत व विकास के लिए सहायता दी जाए।
मुख्यमंत्री ने सकारात्मक रूप से जवाब देते हुए कहा कि:
“हम आपकी परंपरा और सेवा को समझते हैं। सरकार संस्कृति और सनातन परंपरा के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।”
📷 कार्यक्रम की विशेष बातें:
कार्यक्रम में हजारों की संख्या में समाज के प्रतिनिधियों, महिलाओं और युवाओं ने भाग लिया।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, धार्मिक प्रवचन, और सामूहिक भजन भी हुए।
ब्राह्मण युवाओं के लिए रोजगार, कौशल विकास और छात्रवृत्ति पर चर्चा हुई।
🧠 निष्कर्ष:
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का यह वक्तव्य एक स्पष्ट संकेत है कि उनकी सरकार राज्य की धार्मिक-सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षण और प्रोत्साहन देने की दिशा में सक्रिय है। वैष्णव ब्राह्मण समाज, जो छत्तीसगढ़ समेत पूरे भारत में एक समर्पित और शिक्षित वर्ग माना जाता है, को नैतिक नेतृत्व और संस्कृति के संवाहक के रूप में सम्मान देने की यह पहल सराहनीय है।