अवैध ऑनलाइन जुआ ऐप का बड़ा पर्दाफाश

- खैरागढ़ पुलिस ने नागपुर में “Shiva Book” बुकिंग ऐप का ऑपरेशन तहस-नहस किया
- 6 आरोपी गिरफ्तार, ₹20 करोड़ से ज़्यादा ट्रांज़ैक्शन ट्रैक किए गए; ₹22.8 लाख बैंक में जमे मिले
- भाजपा अधिनियम और BNS के तहत प्राथमिकी दर्ज करके जांच जारी.
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले की खैरागढ़ पुलिस ने एक बड़ी साइबर अपराध कार्रवाई में “Shiva Book” नामक अवैध ऑनलाइन जुआ ऐप का खुलासा किया है। यह मामला राज्य में ऑनलाइन सट्टेबाज़ी के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से एक माना जा रहा है।

🔍 क्या हुआ?
✔️ स्थान:
- छत्तीसगढ़ की पुलिस ने महाराष्ट्र के नागपुर में कार्रवाई की।
✔️ आरोप:
- “Shiva Book” नामक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के ज़रिए IPL, क्रिकेट, टीन-पट्टी, लॉटरी आदि पर गैरकानूनी ऑनलाइन सट्टा चलाया जा रहा था।
✔️ गिरफ्तारी:
- 6 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है।
- ये आरोपी बैकएंड ऑपरेटर, डिजिटल मार्केटिंग एजेंट, और फर्जी खाता संचालक थे।
💰 पैसों की बात
विवरण | आँकड़ा |
---|---|
कुल ट्रांज़ैक्शन | ₹20 करोड़+ |
बैंक में ज़ब्त राशि | ₹22.80 लाख |
डिजिटल ट्रेसिंग | 200+ बैंक अकाउंट्स, 50+ UPI IDs, और 20 वर्चुअल नंबर शामिल |
👉 आरोपी फर्जी सिम कार्ड, वर्चुअल बैंकिंग और पेमेंट गेटवे के ज़रिए ट्रांज़ैक्शन को छुपा रहे थे।
📱 Shiva Book ऐप कैसे काम करता था?
- यूज़र्स को Telegram, WhatsApp और सोशल मीडिया के ज़रिए जोड़ा जाता था
- ऐप में रेफरल सिस्टम था, जिससे नए जुआरी जोड़े जाते
- पैसों को बैंक खातों में घुमा-फिराकर वैध दिखाया जाता
- ट्रांज़ैक्शन के लिए फर्जी खाते और UPI IDs का प्रयोग होता
⚖️ कानूनी कार्रवाई
- पुलिस ने Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS) और छत्तीसगढ़ जुआ अधिनियम की धाराओं के तहत FIR दर्ज की है।
- आईटी एक्ट, धोखाधड़ी, और साइबर क्राइम की धाराओं को भी शामिल किया गया है।
👮 पुलिस का बयान
SP रामकृष्ण साहू (राजनांदगांव):
“हमने नागपुर से ऑपरेट होने वाले एक इंटर-स्टेट जुआ सिंडिकेट को उजागर किया है। छत्तीसगढ़ के युवाओं को ऑनलाइन सट्टे में फंसाने की यह एक सोची-समझी साजिश थी।”
🔐 आगे की कार्रवाई
- ज़ब्त मोबाइल, लैपटॉप, सॉफ्टवेयर और सर्वर से डेटा रिकवर किया जा रहा है
- ED और साइबर क्राइम सेल को भी शामिल किया गया है
- पूरे नेटवर्क के बड़े मास्टरमाइंड की तलाश जारी है
📌 निष्कर्ष
यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ पुलिस की तकनीकी दक्षता और अंतरराज्यीय नेटवर्क पर पकड़ का प्रमाण है।
“Shiva Book” ऐप जैसी अवैध गतिविधियों से युवाओं को गुमराह किया जा रहा था, और इस तरह की कार्रवाई से साइबर अपराध पर लगाम लगने की उम्मीद है।