छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा व्यवस्था पटरी पर लाने के लिए लाख दावे कर ले लेकिन जमीनी हकीकत अलग ही बयां करता है

बलरामपुर l छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा व्यवस्था पटरी पर लाने के लिए लाख दावे कर ले लेकिन जमीनी हकीकत अलग ही बयां करता है ऐसा ही मामला बलरामपुर जिले के ग्राम पंचायत भावरमाल dav स्कूल का मामला सामने आया है.
जो काफी दिन बीत जाने के बावजूद आज तक बच्चों का एडमिशन नहीं हुई ऐसा इसलिए हुआ बल्कि जिला शिक्षा अधिकारी की मिली भगत या रवैया कह ले जो बच्चे को हाथ में काफी कलाम पुस्तक होना चाहिए लेकिन काफी दिन बीत जाने के बावजूद भी आज तक पुस्तक तो बड़ी दूर की बात एडमिशन तक नहीं हो पाया.

बलरामपुर जिले के भावर माल dav स्कूल में पात्र बीपीएल धारी बच्चों को एडमिशन के चक्कर में पालक स्कूल के चक्कर लगाते रहे काफी दिनवित्त जाने के बाद जब पालक को फोन आता है तत्काल dav स्कूल भंवरमाल खुशी के लहर में बच्चों को एडमिशन कराने पहुंचते हैं लेकिन जब सुनते हैं की जो सूची जिला शिक्षा अधिकारी जारी किया था पात्र बच्चों को वह सूची निरस्त हो गया तब बच्चे के गार्जियन को पैर तले जमीन घिसक जाता है और कई प्रकार के विवाद करने के बावजूद भी एडमिशन नहीं लिया जाता है .

जब इस बात को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी डीएन मिश्रा से फोन के माध्यम से बात की गई तो उनके द्वारा बोला गया कि मैं पात्र नाम सूची जारी किया था वह निरस्त कर दिया हूं जब इसका कारण पूछा गया तो डीएन मिश्रा शिक्षा अधिकारी के द्वारा कुछ बोलने से इनकार कर दिया और तत्काल फोन काट दिया वही बच्चों के माता-पिता राजनीतिक साथ गत होने का कैमरा के सामने बयान दिया गया है की जो इसमें सहायक शिक्षक अधिकारी है ओमप्रकाश गुप्ता उनके ऊपर गंभीर आरोप लगा है बच्चों के माता-पिता के कहना है कि कल शिक्षा अधिकारी कार्यालय चार-पांच नेता बैठकर डिसाइड करके यह सूची निरस्त करवाए है..