टेक्नोलॉजी l यूरोपीय संघ द्वारा प्रस्तावित तकनीकी नियमों की आलोचना Google द्वारा इसलिए हो रही है कि उनके अनुसार ये नवाचार पर रोक लगाते हैं और प्रतिस्पर्धा को बाधित कर सकते हैं ।
यूरोपीय संघ (EU) द्वारा हाल ही में प्रस्तावित नए तकनीकी नियमों और दिशानिर्देशों को लेकर दुनिया की कई बड़ी टेक कंपनियाँ — विशेषकर Google — ने कड़ी आपत्ति जताई है। Google का कहना है कि ये कानून “इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के नवाचार पर अंकुश लगाते हैं”, और लंबे समय में प्रतिस्पर्धा को कमजोर करते हैं, बजाय इसके कि उपभोक्ताओं को सुरक्षा और स्वतंत्रता दें।
⚖️ यूरोपीय संघ के कौन से कानून चर्चा में हैं?
🔹 Digital Markets Act (DMA)
यह कानून उन कंपनियों पर लागू होता है जिन्हें “गेटकीपर” कहा जाता है — यानी Google, Apple, Amazon, Meta जैसी कंपनियाँ
इन कंपनियों को अनिवार्य रूप से प्रतिस्पर्धियों को समान मंच देने, और यूज़र्स को विकल्प देने के लिए मजबूर किया गया है
🔹 Digital Services Act (DSA)
यह कानून ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स को यूज़र कंटेंट, गलत सूचना, और हेट स्पीच को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार बनाता है
कंपनियों को Content Moderation Policies पारदर्शी बनानी होंगी
🧑💼 Google की मुख्य आपत्तियाँ
मुद्दा
Google का दृष्टिकोण
🔄 अनिवार्य API खोलना
कंपनी का कहना है कि इससे साइबर सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है
🧭 यूज़र इंटरफेस पर नियंत्रण
EU चाहता है कि Google Android डिवाइसों में उपयोगकर्ताओं को दूसरे सर्च इंजन चुनने का ऑप्शन दे — Google का मानना है कि ये उनके यूज़र अनुभव को प्रभावित करता है
🧩 AI नियमों पर कठोरता
यूरोपीय AI कानूनों के तहत Google को अपने AI मॉडल (जैसे Gemini) के बारे में कोड और डेटा स्रोतों की जानकारी देनी होगी, जिससे बौद्धिक संपत्ति का हनन हो सकता है
🏛️ EU का तर्क:
EU का कहना है कि ये कानून उपभोक्ताओं की सुरक्षा, डेटा गोपनीयता, और डिजिटल बाजार में समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं
आयोग का कहना है कि “गेटकीपर कंपनियों” ने बाज़ार पर इतना नियंत्रण कर लिया है कि छोटे स्टार्टअप्स का टिकना मुश्किल हो गया है
🌐 अन्य कंपनियों की प्रतिक्रिया:
कंपनी
रुख
🖥️ Apple
DMA के खिलाफ कानूनी कार्यवाही में लगी है, विशेषकर App Store नियंत्रण के मामले में
🛍️ Amazon
DSA के तहत सेलर डेटा साझा करने की अनिवार्यता को चुनौती दे रही है
🧠 OpenAI
AI विधेयक के “Foundation Model पारदर्शिता नियमों” पर चिंता ज़ाहिर कर चुकी है
🌍 वैश्विक परिप्रेक्ष्य में क्या असर?
क्षेत्र
असर
🇪🇺 यूरोपीय यूनियन
डिजिटल क्षेत्र को अधिक नियंत्रित और उपभोक्ता-केंद्रित बनाने की दिशा
🇺🇸 अमेरिका
Google जैसी कंपनियाँ US कानून और EU नियमों के बीच विरोधाभास से जूझ रही हैं
🇮🇳 भारत
EU के इन नियमों को देखकर भारत का Digital Competition Law भी सख्त हो सकता है
📊 विश्लेषण: EU बनाम Google — कौन सही?
दृष्टिकोण
EU
Google
उद्देश्य
उपभोक्ता की सुरक्षा और डिजिटल लोकतंत्र
नवाचार और व्यवसायिक स्वतंत्रता
चिंता
गेटकीपर्स का नियंत्रण और डेटा शोषण
व्यापार पर बोझ और सुरक्षा में सेंध
दीर्घकालिक असर
टेक उद्योग में विविधता और पारदर्शिता
नवाचार धीमा हो सकता है
✅ निष्कर्ष:
Google और अन्य कंपनियाँ जिस तरह से EU के नए तकनीकी कानूनों का विरोध कर रही हैं, उससे साफ है कि यह सिर्फ एक कानूनी बहस नहीं है, बल्कि एक तकनीकी भविष्य की दिशा तय करने वाली लड़ाई है। यदि EU अपने सख्त रुख पर कायम रहता है, तो यह दुनिया भर के डिजिटल नीति निर्माताओं के लिए एक रोल मॉडल या चेतावनी — दोनों बन सकता है।