टेक्नोलॉजी
सुरक्षा तकनीक – ड्रोन रोधी सिस्टम

- पुरी रथ यात्रा में सुरक्षा बढ़ाने के लिए नया एंटी‑ड्रोन सिस्टम लगाया गया। इसने 7 अनधिकृत ड्रोन को प्रभावहीन किया। इसमें रडार, RF विश्लेषण और ऑप्टिकल सेंसर का उपयोग हुआ
- पुरी रथ यात्रा के दौरान पुरी में तैनात नया एंटी‑ड्रोन सिस्टम सुरक्षा व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा था।
🚨 क्या हुआ?
- 27 जून 2025 की रात, रथ यात्रा की पूर्व संध्या पर इस सिस्टम ने मंदिर के नो‑फ्लाई जोन में प्रवेश करने वाले 7 अनधिकृत ड्रोन को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया .

⚙️ सिस्टम कैसे काम करता है?
यह उन्नत प्रणाली रडार, RF (रेडियो फ्रीक्वेंसी) विश्लेषण, और ऑप्टिकल सेंसर का उपयोग कर ड्रोन की पहचान करती है, उनकी लोकेशन ट्रैक करती है और उन्हें प्रभावहीन बनाती है, जबकि वैध पुलिस ड्रोन सुरक्षित रूप से उड़ान भरना जारी रखते हैं ।
घटक | कार्य |
---|---|
रडार डिटेक्शन | आस-पास के हवाई क्षेत्र में चलने वाली वस्तुओं का पता लगाता है |
RF एनालिसिस | ड्रोन द्वारा उपयोग किए जा रहे रेडियो सिग्नल की पहचान करता है |
ऑप्टिकल सेंसर | दृश्य-आधारित पहचान और ट्रैकिंग में मदद करता है |
👮 सुरक्षा की व्यापक तैयारी
- यह तकनीक पहली बार पुरी रथ यात्रा पर लागू की गई थी और इसे सुबह के दौरान भी सक्रिय रखा गया ।
- यह कदम पुलिस की मल्टी-लेयर सुरक्षा रणनीति का हिस्सा था, जिसमें 10,000 से अधिक पुलिसकर्मी, NSG, RAF और AI-नियंत्रित CCTV कैमरे शामिल थे।
- DGP Y B खुरानिया ने बताया कि यह तकनीक “अधिकृत और अवैध ड्रोन में स्वत: अन्तर करने में सक्षम है” ।
🔧 क्यों है यह जरूरी?
- रथ यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु, VVIP, और दिग्गज सेनानी मौजूद होते हैं — ऐसे में हवा में अनधिकृत ड्रोन से गोपनीयता, भीड़‑नियंत्रण, और सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हो सकती थी।
- इससे पहले प्रवक्ता कैमरों, ट्रैफिक मॉनीटरिंग या व्यक्तिगत प्रधानाधिकारों का उल्लंघन हो चुका था — ऐसे में यह कदम पूर्वानुमेय था
✅ संक्षेप में
इस एंटी‑ड्रोन प्रणाली का उपयोग पूरक रूप से सुरक्षा व्यवस्था को और परिपूर्ण बनाता है:
- रडार, RF और ऑप्टिक सेंसर का संयोजन
- अवैध ड्रोन की पहचान व निष्क्रियता की स्वचालित प्रक्रिया
- रथ यात्रा जैसे बड़े आयोजन में विशाल सुरक्षा नेटवर्क का हिस्सा