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भारत के लिए ऐतिहासिक विजय…

Group Captain Shubhanshu Shukla, 41 वर्षों में पहला भारतीय, अंतरिक्ष में सबसे ज़्यादा समय बिताने वाली अमेरिकी महिला किंवदंती Peggy Whitson के नेतृत्व में ISS के लिए रवाना हुए ।

ISS तक पहुँचते ही उन्होंने कहा:

“Namaskar from space… Learning like a baby… this is a small step, but a steady and solid step towards India’s human space programme.”


उन्होंने वीडियो मैसेज में तिरंगे को कंधे पर ले जाते हुए गर्व से कहा:

“Right now, we are orbiting Earth at 7.5 km per second… on my shoulder I carry our tricolour flag, which shows that I am with all of you.”

प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति मुरमू, और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह सहित शीर्ष नेतृत्व ने इस मिशन को बधाई दी

Group Captain शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष में जाना भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक ऐतिहासिक और गर्वपूर्ण क्षण है।

🇮🇳 भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण

🔭 कौन हैं शुभांशु शुक्ला?

  • पद: ग्रुप कैप्टन, भारतीय वायुसेना (IAF)
  • विशेषज्ञता: अनुभवी टेस्ट पायलट और एयरोनॉटिकल इंजीनियर
  • चयन: Axiom Space और ISRO के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय मिशन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुने गए
  • वर्तमान मिशन: Axiom-4 (Ax-4), 2025

🚀 Axiom Mission-4 का नेतृत्व और महत्व

📍 लॉन्च:

  • दिनांक: 25 जून 2025
  • स्थान: Kennedy Space Center, Florida, USA
  • वाहन: SpaceX Falcon 9 रॉकेट
  • कैप्सूल: Dragon Crew Capsule

👩‍🚀 क्रू मेंबर्स:

  1. Peggy Whitson (अमेरिका) – कमांडर
    • NASA की पूर्व अंतरिक्ष यात्री, अंतरिक्ष में सबसे ज़्यादा समय बिताने वाली महिला (665 दिन)
  2. Shubhanshu Shukla (भारत) – पायलट
  3. Slawosz Uznanski (पोलैंड) – मिशन विशेषज्ञ
  4. Tibor Kapu (हंगरी) – मिशन विशेषज्ञ

🌌 भारत के लिए गर्व क्यों?

  • 41 वर्षों बाद किसी भारतीय ने मानवयुक्त अंतरिक्ष यान से उड़ान भरी। इससे पहले:
    • राकेश शर्मा (1984, सोयूज T-11, सोवियत मिशन)
  • शुभांशु शुक्ला ने ISRO के Gaganyaan मिशन के लिए एक आधार तैयार किया है — यह 2027 में भारत का पहला स्वदेशी मानव मिशन होगा।

🎙️ शुभांशु का अंतरिक्ष से संदेश

लॉन्च के बाद Dragon कैप्सूल से उन्होंने वीडियो संदेश भेजा:

“नमस्कार! हम इस समय पृथ्वी के चारों ओर 7.5 किलोमीटर/सेकंड की रफ़्तार से घूम रहे हैं। मेरे कंधे पर तिरंगा है – और यह संकेत है कि मैं आप सभी के साथ हूँ।”

“हम सीख रहे हैं… यह छोटा कदम है, लेकिन भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए बड़ा और मजबूत आधार है।”


🧪 ISS पर क्या करेंगे?

शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 14 दिनों तक रहेंगे और वहां भारतीय वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लेंगे, जैसे:

  • माइक्रोग्रैविटी में microalgae पर अध्ययन
  • मानसिक और मांसपेशीय प्रतिक्रिया
  • उच्च संवेदनशील कृषि नमूनों का परीक्षण
  • यह प्रयोग ISRO, ICGEB, और NIPGR जैसे भारतीय संस्थानों द्वारा डिजाइन किए गए हैं।

🌐 Peggy Whitson के साथ उड़ान का महत्व

  • Peggy Whitson अमेरिका की सबसे अनुभवी महिला अंतरिक्ष यात्री हैं।
  • उनके अनुभव से शुभांशु को गहन प्रशिक्षण और विशेषज्ञता मिली।
  • इससे भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की exposure मिल रही है, जो Gaganyaan जैसे मिशनों के लिए आवश्यक है।

📸 कुछ खास बातें

तथ्यविवरण
भारत के लिएपहला IAF ऑफिसर जो निजी-साझेदारी मिशन से अंतरिक्ष गया
महिला कमांडर के साथPeggy Whitson – अंतरिक्ष में 665 दिन का अनुभव
प्रमुख लक्ष्यGaganyaan से पहले वैज्ञानिक और मिशन-संबंधी अनुभव जुटाना
अंतर्राष्ट्रीय सहयोगभारत–अमेरिका–पोलैंड–हंगरी संयुक्त क्रू

🏁 निष्कर्ष

Group Captain शुभांशु शुक्ला का मिशन भारत के अंतरिक्ष सफर में एक “मील का पत्थर” है। यह केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत की वैश्विक वैज्ञानिक मंच पर उभरती भूमिका, अंतरिक्ष कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की मिसाल है।

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