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धरोहर, रिश्ते, संस्कृति व विज्ञान की थीम को लेकर धूमधाम से मनाया गया वार्षिकोत्सव कार्यक्रम….

बिलग्राम डीपी एस डी पब्लिक स्कूल इण्टर कॉलेज वार्षिकोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसकी थीम हमारी धरोहर, रिश्ते, संस्कृति, विज्ञान थी। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बिलग्राम उप जिलाधिकारी पूनम भास्कर ने माँ शारदे चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित किये।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्ज्वलित कर की। जीवन में जल की उपयोगिता के लिए इसके हर एक बूंद को बचाने का संकल्प दिलाया गया। वर्तमान समय में हम सभी को आगे आकर जल संचयन व संरक्षण करने की सभी की जिम्मेदारी है। जल बचाने के लिए जन-जागरण की आवश्यकता है।

भविष्य में तभी जल संकट से बचा जा सकता है। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, विज्ञान, गीत, नृत्य, मॉडल प्रस्तुत कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। दर्शक मंत्र-मुग्ध हो गये। छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न प्रस्तुतियों को काफी सराहा गया। कार्यक्रम के माध्यम से हमारी धरोहर, संस्कृति, रिश्ते को पहचानने व संजोने से मानव सभ्यता का विकास होता है। एक कार्यक्रम में बच्चे ईश्वर की कृति हैं इसका संदेश दिया।

आज भी बच्चे नंगे पैर सड़कों पर कूड़ा बीनने, भट्ठों पर, कारखाने में, दुकानों पर कार्य करने व सड़कों पर भीख मांगने को मजबूर हैं। इस कोमल जीवन को सभी को बचाने का कर्तव्य है। इस कोमल बचपन को बचाने से बेहतर भविष्य को संवारा जा सकता है।
विद्यालय के प्रबंधक नितिन गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि पाठशाला का सफर आपके साथ शुरू हुआ है, आपके साथ हमेशा चलता रहेगा। संस्था का उद्देश्य है कोई भी छात्र जब विद्यालय आए तो मुस्कुराता हुआ आए और वापस जाने पर मुस्कुराता हुआ जाए।

हमने एक सपना देखा है कि हमारे यहां छात्र जीवन के प्रत्येक कदम में बेस्ट करके एक अच्छे नागरिक बनकर कार्यक्रम का निर्वहन करें। बच्चों के अंदर छिपी हुई प्रतिभा को निकालने में पाठशाला माध्यम बने। मुख्य अतिथि उप जिलाधिकारी पूनम भास्कर ने छात्र- छात्राओं की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि ग्रामीण परिवेश में बच्चों के अंदर अनुशासन व टैलेंट देखकर काफी खुशी मिली।

वर्तमान समय में हम सभी को समय के साथ अपडेट रखने की आवश्यकता है। हर क्षण नई चीजें आती हैं। शिक्षा के क्षेत्र में आमूल-चूल बदलाव आ रहे हैं। बच्चों में एक चीज कॉमन है कि उन्हें अपने आसपास, परिवेश, विद्यालय व लोगों से प्रेरणा मिली। परिवार पहली पाठशाला है। एक्टिव माइंड के लिए एक्टिव बॉडी होनी चाहिए। देश के प्रति अच्छा सोचें। बच्चों का बेहतर परफॉर्मेंस मेरे लिए एक अच्छी अनुभूति है।

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