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आचार्य श्री महाश्रमण जी के विद्वान सुशिष्य मुनिश्री सुधाकर कुमार जी और मुनिश्री नरेश कुमार जी ग्वालियर के दो दिवसीय प्रवास के बाद पंजाब के बिहार के लिए रवाना हुए,

ग्वालियर l ग्वालियर में महातपस्वी युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के विद्वान सुशिष्य मुनिश्री सुधाकर कुमार जी और मुनिश्री नरेश कुमार जी ग्वालियर के दो दिवसीय प्रवास के बाद आज सुबह पंजाब के बिहार के लिए रवाना हुए, इससे पहले उन्होंने समाज को संदेश देते हुए कहा की आज देश में दो समस्याएं सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ रही है पारिवारिक विघटन हो रही है। और संस्कृति का भी पतन हो रहा है।

नशा और गुस्सा भी बड़ी समस्या बन गया है,में तो चाहूंगा की हर व्यक्ति अपने जीवन में नशा और गुस्सा इन दो बुराइयों से बचे क्योंकि भारतीय संस्कृति का मुख्य आदर्श था “आहार शुद्धि और नशा मुक्ति”, तो जितना हम आहार शुद्धि और नशा मुक्ति का विकास करेंगे। उतना अच्छा होगा,उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय ऋषिमुनियों ने कहा है जैसा खावे अन्न वैसा होवै मन, अन्न का हमारे मन तन और आत्मा पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है और नशा एक ऐसी बुराई हो जो आतंकवाद नक्सलवाद और भ्रष्टाचार से भी खतरनाक है।

क्योंकि नशे से व्यक्ति की विवेक चेतन लुप्त हो जाती है इसलिए हम आहार शुद्धि और नशा मुक्ति का संस्कार जगाए और क्रोध गुस्सा और जिद इन बुराइयों से सदैव दूर रहे। मुनि श्री अपने इन अम्रत प्रवचन के बाद आगे के स्थानों के प्रवास के लिए रवाना हुए,गौरतलब है कि मुनिश्री छत्तीसगढ़ के रायपुर से पंजाब तक बिहार पर निकले है।

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