मंदसौर प्रशासन की बड़ी लापरवाही से हुई चूक, बिना अनुमति के बनी 270 करोड़ की मेडिकल कालेज की बिल्डिंग ,

मध्य प्रदेश l मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 29 अक्टूबर 2024 को प्रधानमंत्री की वर्चुअल उपस्थिति में मेडिकल कालेज का शुभारंभ भी कर दिया है, अब जो मामला सामने आया वो हैरान कर देने वाल है पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिना निर्माण अनुमति के ही कर दिया था शिलान्यास.

मंदसौर के सुंदरलाल पटवा शासकीय मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग को लेकर कई गंभीर सवाल सामने खड़े गए हैं. लगभग 270 करोड़ से बने मेडिकल कालेज की बिल्डिंग बनाने के लिए नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय से किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई थी और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने मेडिकल कालेज की नक़्शे अनुसार निर्माण कर बिल्डिंग बना कर तैयार कर दी, जिसके बाद ऑफलाइन कॉलेज बनाने की अनुमति मांगी गई जिसको नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय से ख़ारिज कर दी गई , अब मामला उच्चाधिकारों के समक्ष रखा गया है ,

नियमानुसार किसी भी निर्माण कार्य के पहले नक्शा पास कराने और निर्माण अनुमति होना चाहिए , चाहे निर्माण कार्य सरकारी हो या प्रायवेट, लेकिन मंदसौर के सम्बंधित अधिकारिओं ने बिल्डिंग निर्माण होने के बाद ऑफलाइन अनुमति मांगी जिसको उपसंचालक नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय द्वारा निरस्त कर उच्च अधिकारिओं को पत्राचार किया है , जिसमे इस बात का उल्लेख है की मेडिकल कालेज की तमाम बिल्डिंग बगैर अनुमति के तैयार हो चुकी है व शुभारम्भ भी हो चूका है,
इस पुरे मामले में बड़ी बात तो यह है की मुख्यमंत्री मोहन यादव प्रधानमंत्री की वर्चुअल मौजूदगी में इस मेडिकल कालेज का शुभारम्भ कर चुके है साथ ही कईं छात्र छात्राओं ने यहां मेडिकल की पढाई शुरू कर दी है , बिना अनुमति के बने मेडिकल कालेज में क्या अब मेडिकल के विद्यार्थयों के लिए क्या कोई भविष्य में चुनौती तो नहीं हो जाएगी , क्या मेडिकल कॉलेज से जोड़े निर्माणाधीन अस्पताल की बन रही बिल्डिंग की अनुमतियाँ पूर्ण है, इस मामले में बड़ा सवाल ये भी है की अधिकारिओं ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से कालेज का शिलान्यास से लेकर शुभारम्भ तक करवा लिए और प्राथमिक तैयारिओं में एक निर्माण अनुमति को ही नज़रअंदाज कर दिया
इस मांमले में लोक निर्माण {PIU } अधिकारी बबिता सोनिकार ने इस मामले में कहा है की
इसमें हमें TNCP के अप्लाय किया था तो उन्होंने आपत्ति ली थी तो उन्होंने हम कहा था की मध्यप्रदेश नगर ग्राम निवेश अधिमनियम 1973 के धारा के अंतर्गत शासकीय छूट के लिए हमने ऑफलाइन आवेदन किया हुआ है , इस पर करवाई प्रचलन में है ,
इसमें अधिनियम के तहत शासकीय आवास के लये छूट प्राप्त हो सकती है , और नगरीय प्रशासन से हमें अनुमति मिल सकती है , बिना अनुमति के TNCP के लिए प्लान अप्रूव करके हमको लगाना होता है , क्योकि प्लान चकित्सा शिक्षा से अप्रूव होकर हमको मिला और माननीय मुख्यमंत्री द्वारा भूमि पूजन किया गया था और उसके बाद हमारी एजेंसी भी फिक्स हो चुकी थी और पेरेलली इसको अप्लाय किया हुआ था और काम हमने प्रारम्भ कर लिया था , अब नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा हमको इसकी पमिशन प्राप्ति हो जाएगी , नोटिस उस समय मिला था उन्ही ने हमें कहा था की की आवेदन ऑफलाइन कर दीजिये , एक महीने में इसकी अनुमति प्राप्त हो जाएगी ,