दालचीनी के सेवन से धमनियों में जमें Bad cholesterol को निकालने में सक्षम है
हेल्थ l दालचीनी एक प्राचीन मसाला है, जो न केवल अपने अद्भुत स्वाद और खुशबू के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके स्वास्थ्य लाभ भी बहुत व्यापक हैं। दालचीनी को एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक मसाला के रूप में जाना जाता है। यह मसाला न केवल स्वाद में तीव्र और खुशबूदार होता है, बल्कि इसके अद्भुत औषधीय गुण भी हैं। आयुर्वेद में दालचीनी का उपयोग पाचन को सुधारने, खांसी, सर्दी और जुकाम में राहत देने और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। यह शरीर में सूजन को कम करने के साथ ही विशेष रूप से कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायक साबित होता है, खासकर गंदे या “लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन” (LDL) कोलेस्ट्रॉल को कम करने में। तो चलिए आज जानते हैं कि कैसे इसका उपयोग कोलेस्ट्रॉल की समस्या से निजात पाने के लिए किया जा सकता है।
दालचीनी में ऐसे प्राकृतिक यौगिक होते हैं, जो रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसके प्रमुख तत्व जैसे- सिनामिक एसिड और सिनेमाल्डिहाइड (Cinnamaldehyde) रक्त प्रवाह को बेहतर बनाते हैं और कोलेस्ट्रॉल की वृद्धि को रोकते हैं। इसके अलावा, दालचीनी के अंदर पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में जमा हुए गंदे कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने में मदद करते हैं।
दालचीनी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं। सूजन रक्त वाहिकाओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है और दालचीनी इसे नियंत्रित करके हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है।
दालचीनी का सेवन ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। रक्त शर्करा में उतार-चढ़ाव के कारण कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी प्रभावित हो सकती है और दालचीनी इसका संतुलन बनाए रखती है, जिससे कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में रहता है।