12 नवंबर को मनाई जाएगी इस साल देवउठनी एकादशी….
आस्था l देवउठनी एकादशी इस साल 12 नवंबर को मनाई जाएगी. . इस दिन भक्त भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के साथ देवी तुलसी की पूजा करते हैं. . मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से उठते हैं.
देवउठनी एकादशी साल की सबसे महत्वपूर्ण एकादशी होती है. इस दिन भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा से जागते हैं और अपना कार्यभार संभालते हैं. इस खास अवसर पर भक्त भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ-साथ देवी तुलसी की भी पूजा करते हैं.तुलसी विवाह का त्योहार पर मान्यता है कि इस दिन मां तुलसी की विधिवत पूजा करनी चाहिए और उनकी चालीसा का पाठ करना चाहिए. इससे सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है.
शाम के समय माता तुलसी के सामने घी का दीपक जलाना चाहिए और तुलसी नामाष्टक का पाठ करना चाहिए.
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी
पुष्पसारा नंदिनी च तुलसी कृष्णजीवनी
एतत नाम अष्टकं चैव स्त्रोत नामार्थ
संयुतम य:पठेत तां सम्पूज्य सोभवमेघ फलं लभेत.
इसके अलावा देवउठनी एकादशी के दिन कच्चे दूध में जल मिलाकर माता तुलसी को अर्पित करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है. मान्यता है कि इससे माता तुलसी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.पूजा करते समय माता तुलसी को सिंदूर, रोली, कुमकुम, चावल, चुनरी और चूड़ियां आदि श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करनी चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से पति की आयु लंबी होती है और महिलाओं को सौभाग्य की प्राप्ति होती है. मां तुलसी की आरती कपूर और घी के दीये से करनी चाहिए. मान्यता है कि कपूर और घी का दीपक जलाने से घर में सुख-शांति आती है.