छक्का लगाने के बाद मैदान पर गिर पड़ा युवा खिलाड़ी, जानिए आखिर इतनी कम उम्र में दिल का दौरा पड़ने के पीछे क्या है वजह
मुंबई। मीरा रोड के काशीमीरा इलाके में टर्फ क्रिकेट खेलते समय युवक को दिल का दौरा पड़ा। छक्का लगाने के बाद युवा खिलाड़ी मैदान पर गिर पड़ा। रिपोर्ट में कहा गया है कि काशीगांव पुलिस ने इस दिल दहला देने वाली घटना की जांच शुरू कर दी है। युवा क्रिकेटर की मौत के कारण का अब तक पता नहीं चल पाया है। आशंका जताई जा रही है कि युवक को शायद कार्डिक अरेस्ट आया हो।
युवाओं को दिल का दौरा पड़ना आम होता जा रहा है। हालांकि, हीट-स्ट्रोक से होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि शायद इस वजह से ऐसा हुआ हो।
आखिर इतनी कम उम्र में दिल का दौरा पड़ने के पीछे क्या वजह हैं? (After all, what are the reasons behind a heart attack at such a young age?)
भारत में, 40 साल से कम उम्र के 25% और 50 साल से कम उम्र के 50% लोगों को हार्ट अटैक का जोखिम है, जो वास्तव में, सीवीडी महामारी है और आधुनिक दौर में एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बन चुका है।
सर्कुलेश्न जर्नल में 2016 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, कार्डियोवास्क्युलर रोग (सीवी) भारत में मौतों का प्रमुख कारण बना हुआ है। सभी तरह के सीवी रोगों के चलते होने वाली मौतों में इस्चेमिक हार्ट रोग तथा स्ट्रोक का आंकड़ा 80% है। इन रोगों की अधिकता पंजाब, तमिलनाडु और केरल में देखी गई है। भारत में कम उम्र में ही सीवीडी बढ़ने लगे हैं और इनकी वजह से मौतों की आशंकाएं भी बढ़ रही हैं। और तो और, ग्रामीण/गरीब राज्यों में भी रोग का बोझ काफी हद तक बढ़ा है।
इसके पीछे क्या हैं कारण? (What are the reasons behind this?)
- तंबाकू का अधिक सेवन
- आहार में फलों और सब्जियों का कम प्रयोग
- आवश्यकता से कम कार्डियाक मेडिकल केयर जैसे कारणों के चलते सीवीडी में वृद्धि हो रही है।
- इसी तरह, व्यायाम रहित जीवनशैली,
- मधुमेह
- उच्च रक्तचाप
- अधिक कलेस्ट्रॉल
- धूम्रपान,
- अनियमित नींद,
- अधिक तनावपूर्ण वातावरण
- कोरोनरी आर्टरी रोगों का पारिवारिक इतिहास
दिल की बीमारी बढ़ा रही है मौत का आंकड़ा (Heart disease is increasing the death toll)
ग्लोबल बर्डन ऑफ डिज़ीज़ स्टडी के अनुसार, पिछले 25 वर्षों में भारत में कार्डियोवास्क्युलर रोगों (सीवीडी) की वजह से होने वाली मौतों में 34% बढ़ोतरी हुई है। भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में 35-70 वर्ष की आयुवर्ग के 33,583 लोगों पर कराए PURE अध्ययन से यह सामने आया है कि दक्षिण एशिया में मौतों का सबसे प्रमुख कारण (35.5%) सीवीडी है। ग्रामीण इलाकों और पुरुषों में सीवीडी और मौतों के अधिक मामले देखे गए हैं। जहां तक देशों की बात है, बांग्लादेश में सीवीडी के सर्वाधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि मृत्यु दर पाकिस्तान में सबसे ज्यादा है। सीवीडी के प्रमुख कारणों में उच्च रक्तचाप, अधिक नॉन-एचडीएल कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, पेट पर चर्बी और घरों के भीतर वायु प्रदूषण, कुपोषण और तंबाकू का सेवन शामिल है।