बस्तर पंडुम 2025: सांस्कृतिक विरासत का भव्य उत्सव शुरू, पारंपरिक लोक नृत्यों और हस्तशिल्प की झलक।

बस्तर l छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में संस्कृति और परंपरा के संरक्षण का अनूठा उत्सव “बस्तर पंडुम 2025” हाई स्कूल ग्राउंड में भव्य रूप से शुरू हो गया है। चार दिवसीय इस महोत्सव का उद्देश्य जनजातीय कला, संस्कृति, लोकनृत्य, हस्तशिल्प और पारंपरिक खान-पान को बढ़ावा देना है।

इस उत्सव का उद्घाटन विधायक चैतराम अटामी और अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा किया गया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न जिलों की जनजातीय संस्कृतियों के स्टॉलों का अवलोकन किया। उन्होंने कहा,
“बस्तर पंडुम हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और दुनिया के सामने लाने का ऐतिहासिक अवसर है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कुशल नेतृत्व में यह आयोजन पारंपरिक नृत्य, लोकगीत और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है।”

600 से अधिक प्रतिभागियों की शानदार प्रस्तुतियां
इस महोत्सव में सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर और कांकेर जिलों से आए कलाकार पारंपरिक लोकनृत्य और संगीत की झलक पेश कर रहे हैं। इसके साथ ही, ओडिशा, तेलंगाना, असम, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और मध्यप्रदेश के सांस्कृतिक दल भी अपनी प्रस्तुतियां देंगे।

स्टॉलों पर बस्तर की सांस्कृतिक विविधता की झलक
खान-पान: जनजातीय पेय पदार्थ और व्यंजनों के विशेष स्टॉल लगाए गए हैं।
वेशभूषा और आभूषण: पारंपरिक गहनों और वस्त्रों की प्रदर्शनी।
वाद्य यंत्र: लोक संगीत से जुड़े वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन।
बस्तर पंडुम 2025: सांस्कृतिक और पर्यटन विकास की ओर कदम
विधायक श्री अटामी ने बताया कि पहले ब्लॉक स्तर, फिर जिला स्तर और अब संभाग स्तर पर इस महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यह उत्सव स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने और आदिवासी संस्कृति को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास है।
महत्वपूर्ण आगंतुक और आगामी कार्यक्रम
3 अप्रैल: उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और अन्य राज्य स्तरीय मंत्रीगण का आगमन।
विशेष प्रस्तुति: शाम 6 बजे प्रख्यात कवि और राम कथा वाचक श्री कुमार विश्वास “बस्तर के राम” पर आधारित काव्य वाचन करेंगे।
5 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे और स्थानीय संस्कृति कल खानपान को बारीकी से अवलोकन करेंगे।