बस्तर

हिड़मा एनकाउंटर पर नया विवाद — बस्तर आईजी ने कहा: “यह बड़ी सफलता, फर्जी प्रचार से सच नहीं बदलेगा”

 छत्तीसगढ़ के पूर्वती का कुख्यात नक्सली मांड़वी हिड़मा के मारे जाने के बाद सुरक्षाबलों की सराहन एवं उनके शौर्य की चर्चा की जगह तरह-तरह की भ्रामक बाते कही जा रही है, जिसमें कांग्रेस के बड़े नेता से लेकर पूर्व विधयक मनीष कुंजाम एवं हिडमा के परिजन एक स्वर में नक्सलियों द्वारा जारी पर्चे का पक्ष लेकर भ्रम फलाने में लगे हुुए हैं। जिसे लेकर बस्तर आईजी सुंदरराज पट्टलिंगम ने कहा कि आंध्रप्रदेश के सीमावर्ती अल्लूरी सीताराम राजू जिले में कुख्यात नक्सली मांड़वी हिड़मा को ढेर करते हुए पुलिस और सुरक्षाबलों द्वारा हाल ही में की गई कार्रवाई ने नक्सली नेटवर्क पर एक बड़ी चोट पहुंचाई है। उन्होने कहा कि नक्सलियों की गतिविधियां लंबे समय से छत्तीसगढ़ प्रदेश की सीमाओं से परे फैली हुई थीं। सबसे हिंसक और कुख्यात नक्सली कैडरों के न्यूट्रॉलाइजेशन ने इस प्रतिबंधित और अवैध नक्सली संगठन की संचालन क्षमता को काफी कमजोर कर दिया है। यह वामपंथी उग्रवाद के विरुद्ध लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। इससे पूरे बस्तर में सुरक्षा तथा जनविश्वास को और मजबूती मिली है। उन्होने कहा कि कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा फैलाया जा रहा भ्रामक प्रचार मुठभेड़ के वास्तविक तथ्य को नही छिपा सकते हैं।


उल्लेखनिय है कि नक्सलियों द्वारा जारी पर्चा में दावा किया गया है कि केंद्रीय कमेटी सदस्य हिड़मा इलाज के लिए विजयवाड़ा गया था। इसी दौरान सुरक्षा एजेंसियों ने उसे पकड़कर समर्पण कराने का प्रयास किया। आत्मसमर्पण कराने में नाकाम होने पर हिड़मा सहित 6 नक्सलियों को मार दिया गया। पर्चे मे केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने बताया कि 15 नवम्बर को विजयवाड़ा शहर से हिड़मा समेत अन्य को निहत्थे पकड़ा गया। मारेडुमिल्ली जंगल में मुठभेड़ में मार गिराने व हथियार मिलने की कहानी बनाई गई। वहीं माड़वी हिड्?मा की मौत पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने कहा कि आंध्रप्रदेश में फर्जी मुठभेड़ में हिड्मा को मारा गया है। नक्सली लीडर देवजी ने ही उसे मरवाया है। उसने बाकी 50 लोगों को गिरप्तार करवा दिया है, स्वयं बचकर निकल गया है। अब वह आंध्रप्रदेश सरकार का मेहमान बनकर रह रहा है। इसी तरह हिड़मा की मौत पर सबसे चौंकाने वाला आरोप हिड़मा के साले ललित ने लगाया है। अंतिम संस्कार के दौरान मीडिया से बात करते हुए ललित ने दावा किया है, कि हिड़मा आत्मसमर्पण करने वाला था, और वह आंध्रप्रदेश की पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने जा रहा था। उसे धोखे से मारा गया है। ललित ने यह भी आरोप लगाया कि इस दौरान आंध्रप्रदेश के कई शीर्ष नक्सली नेता भी उसी इलाके में मौजूद थे, जिन्हें आंध्रप्रदेश की सरकार और पुलिस ने बचा लिया, जबकि बस्तर के नक्सलियों का फर्जी मुठभेड़ कर दिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button