रायपुरव्यापार

रायपुर में 9 साल से सड़ रहा हसीना के बांग्लादेश का विमान, 4 करोड़ रुपये हुआ पार्किंग का किराया 

Chhattisgarh News: एक ओर बांग्लादेश में प्रदर्शन और उपद्रव के बाद वहां के हालात और हिंदुओं पर अत्याचार की लगातार खबरें निकल कर आ रही हैं. इस बीच छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का बांग्लादेश कनेक्शन भी सुर्खियों में है. हम बात 9 सालों से रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर खड़े बांग्लादेश के विमान की कर रहे हैं. ढाका से मस्कट जा रहे 173 पैसेंजर की क्षमता वाले इस विमान की आपात लैंडिंग 7 अगस्त 2015 को रायपुर एयरपोर्ट पर कराई गई थी. तबसे ये विमान यहीं खड़ा है. इस विमान की पार्किंग का शुल्क ही करीब चार करोड़ रुपये हो गया है. रायपुर विमानतल अथॉरिटी ने इन 9 सालों में बांग्लादेशी एयरलाइंस को कई दफा ईमेल भेजकर विमान हटाने और पार्किंग शुल्क चुकाने के लिए भी कहा है, लेकिन एयरलाइंस ने न ही तो शुल्क चुकाया है और न ही विमान को वापस लेकर गए. इस विमान के आपात लैंडिंग के बाद पैसेंजर का खास ख्याल भी रखा गया था और उन्हें सुरक्षित यहां से भेजा भी गया था.

जब विमान का इंजन हो गया था फेल
साल 2015 में यूनाइटेड एयरवेज बांग्लादेश का मैकडॉनल डगलस (MD) 83 एयरक्राफ्ट 7 अगस्त को ढाका से मस्कट के लिए जा रहा था. विमान में क्रू को मिलाकर कुल 176 लोग सवार थे. ढाका से उड़ान भरते ही विमान में खराबी आ गई. पायलट ने दुर्घटना को आशंका हुई. जांक की तो पता चला naga788 कि विमान का इंजन फेल हो गया, लेकिन तक तक विमान भारतीय सीमा में एंटर कर चुका था. इंडियन एयरस्पेस में उड़ान भर रहा था. उड़ान के वक्त ही रायपुर से करीब 90 किमी पहले विमान का एक हिस्सा गिर गया.

छत्तीसगढ़ में कराई इमरजेंसी लैंडिंग
विमान का इंजन फेल होने के बाद पायलट दल के पास विमान की इमरजेंसी कराने के अलावा कोई और ऑप्शन नहीं बचा था. उस वक्त हवा में उड़ रहे विमान के सबसे नजदीक रायपुर और नागपुर एयरपोर्ट थे. क्रू ने जब रायपुर के एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के विमान की इमरजेंसी लैंडिंग की अनुमति मांगी तो तुरंत इजाजत दे दी गई. इसके बाद विमान को रायपुर एयरपोर्ट में लैंड कराया गया. सभी 176 लोग सुरक्षित बच गए. बाद में दूसरे विमान से भी यात्रियों को मस्कट भेजा गया. 

अब नहीं मिला ठोस जवाब
रायपुर एयरपोर्ट पर बांग्लादेशी विमान को हैंगर में पार्क किया गया. कुछ दिनों बाद ढाका से एक टीम आई और विमान को ठीक किया गया, लेकिन टीम विमान को अपने साथ नहीं ले गई. आज 9 साल बीत जाने के बाद भी बांग्लादेश की अथॉरिटी ने कोई खबर नहीं ली है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया कई बार विमान को लेकर बांग्लादेश अथॉरिटी से संपर्क कर चुकी है. कई ईमेल भेजे जा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला. रायपुर एयरपोर्ट पर विमान को पार्क करने का किराया करीब 4 करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुका है.

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