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राज्यपाल श्री रमेन डेका का छत्तीसगढ़ राज्यपाल के रूप में एक वर्ष का कार्यकाल हुए..

राज्यपाल श्री रमेन डेका का छत्तीसगढ़ राज्यपाल के रूप में एक वर्ष का कार्यकाल 31 जुलाई 2024 से 31 जुलाई 2025 तक रहा, और इस दौरान उन्होंने प्रदेशवासियों के हित को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए संवैधानिक दायित्वों की प्रभावी और समर्पित रूप से पालना की है। आइए इस दौरान उनके द्वारा की गई प्रमुख पहल एवं उपलब्धियों की विस्तृत समीक्षा करें:

📅 कार्यकाल की शुरुआत
- श्री डेका ने 31 जुलाई 2024 को राज्यपाल के रूप में शपथ ली ।
- वे असम निवासी और वरिष्ठ राजनेता हैं, जिनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि में लोकसभा सदस्य (2009 एवं 2014), भाजपा असम अध्यक्ष, और भाजपा के राष्ट्रीय सचिव का कार्यकाल शामिल है ।
🏡 संवैधानिक एवं लोककल्याणकारी पहलें
1. जनजातीय क्षेत्रों में विकास गतिविधियाँ
- गारियाबंद जिले की दो पंचायतों—Madwadih और Bijli ग्राम—को गोद लेकर उनके सर्वांगीण विकास हेतु रोडमैप तैयार करवाया गया है। इसके तहत स्थानीय रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा और आधारभूत संरचनाओं की योजना बनाई गई है ।
2. समाज के हर वर्ग के प्रति संवेदनशीलता
- राज्यपाल जनजातीय समुदायों, महिलाओं, बुजुर्गों, युवाओं, माताओं, बच्चों और दिव्यांगों सहित सभी वर्गों के कल्याण के प्रति निरंतर सक्रिय रहे हैं।
- उन्होंने इन वर्गों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए संवैधानिक रूप से पारदर्शिता, न्याय और समावेशिता आधारित हस्तक्षेप को बढ़ावा दिया है।
3. सरल एवं जन-सम्बद्ध व्यवहार
- श्री डेका जनता के अति सरल एवं सहज व्यवहार के रूप में जाने जाते हैं। उनकी इस सहजता को छत्तीसगढ़वासियों ने प्रेरणास्पद माना है।
- छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक परंपराएं और रीति‑रिवाज उन्हें उनके गृह प्रदेश असम की याद दिलाते हैं, जिससे उन्हें राज्य की विविधता और लोकजीवन की गहरी समझ मिलती है।
🎯 प्रमुख योगदान और प्रभाव
पहल | विवरण |
---|---|
ग्राम गोद लेना (लोकल विकास) | गारियाबंद की पंचायतों के सर्वांगीण विकास हेतु योजनाओं हेतु मार्गदर्शन और निगरानी सुनिश्चित की गई Uni India। |
समाज संवेदनशीलता | जनजातियों, महिलाओं, दिव्यांगों आदि के कल्याण के लिए सहभागिता बढ़ाने पर जोर। |
सादा जीवनशैली, मजबूत जुड़ाव | लोगों से जुड़ाव की भावना बनाए रखते हुए सहज शैली में शासन को बढ़ावा दिया। |
संस्कृति-संरेखण | असम एवं छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक समानताओं से जुड़ाव और गर्व व्यक्त किया। |
🧭 निष्कर्ष
एक वर्ष के कार्यकाल में श्री रमेन डेका ने संवैधानिक मर्यादा को आगे रखते हुए राज्य के कल्याण और सामाजिक समावेशिता पर बल दिया है। गाँव गोद लेने जैसी पहलें, जनता से जुड़ाव और विविध समाज वर्गों के प्रति संवेदनशीलता ने यह स्पष्ट किया है कि वे सिर्फ प्रतीकात्मक पदाधिकारी नहीं, बल्कि वास्तविक सार्वजनिक सेवा में विश्वास रखने वाले संरक्षक हैं।