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भारत में 21 नवंबर 2025 से चार नए श्रम कोड लागू हो गए

सरकार का कहना है कि नई व्यवस्था का मकसद एक सुदृढ़ और संतुलित श्रम ढांचा तैयार करना है, जो न सिर्फ श्रमिकों की सुरक्षा और अधिकारों को मजबूत करे, बल्कि उद्योगों के लिए भी एक स्थिर, सरल और पारदर्शी कार्य वातावरण सुनिश्चित करे।

सरकार का मानना है कि इससे देश में ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस, रोजगार सृजन और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। नए प्रावधानों में श्रमिकों के अधिकारों और उद्योगों की आवश्यकता—दोनों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की गई है।

🛠️ नई सिस्टम की प्रमुख विशेषताएं:

✔️ सभी श्रमिकों को पीएफ, ईएसआईसी और बीमा जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ

✔️ निश्चित अवधि (Fixed Term) के कर्मचारियों को भी ग्रेच्युटी का हक

✔️ ओवरटाइम, कार्य घंटे और छुट्टियों के नियम अब अधिक स्पष्ट

✔️ डिजिटल रिकॉर्ड और कंप्लायंस से प्रक्रियाएँ पारदर्शी और सरल

🎯 सरकार की उम्मीद:

इन सुधारों से देश में आधुनिक श्रम बाजार विकसित होगा, जहां संगठित और असंगठित — दोनों वर्गों के मज़दूर सुरक्षित रहेंगे और उद्योगों को एक स्पष्ट, स्थिर और लंबे समय तक काम आने वाली नीति का लाभ मिलेगा।

📌 विपक्ष की प्रतिक्रिया (यदि जोड़ना चाहें):

विपक्ष ने इन कोड्स पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इससे कुछ सेक्टरों में नौकरी सुरक्षा कमजोर हो सकती है और मजदूरों के अधिकार उद्योगों के पक्ष में कमजोर पड़ सकते हैं।

हालांकि सरकार का दावा है कि यह सुधार भविष्य की अर्थव्यवस्था, उज्जवल श्रम सुरक्षा और व्यवस्थित औद्योगिक ढांचे की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

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