बैंक की वर्दी में बैठा ठग…खाताधारकों के नाम पर 1 करोड़ से ज्यादा की चालाकी…

बैंक की वर्दी में छुपा था साइबर ठग! खाताधारकों के नाम पर करोड़ों उड़ाए, ओटीपी तक खुद के फोन में ट्रैप कर लिया। राजनांदगांव में उजागर हुआ हाईटेक फ्रॉड, फर्जी दस्तावेजों से करोड़ों की ठगी कर उड़ा भरोसे का बैंक बैलेंस।
एक बैंककर्मी की साजिश ने भरोसे को शर्मसार कर दिया। डोंगरगढ़ की एक बैंक शाखा में कार्यरत पूर्व कर्मचारी ने तकनीक और सिस्टम की खामियों का फायदा उठाकर करीब 1.06 करोड़ रुपए की ठगी को अंजाम दिया। यह ठगी ना सिर्फ खाताधारकों की जेब पर वार थी, बल्कि बैंकिंग सुरक्षा तंत्र की असली परीक्षा भी।

पूर्व कर्मचारी का नाम सामने आया
आरोपित बैंककर्मी उमेश गोरले ने 2022 से 2025 के बीच बैंक के 6 ग्राहकों की केवाईसी, दस्तावेज, और मोबाइल नंबर तक बदल दिए। इससे वह खातों की सीधी पहुंच पर काबिज हो गया।
कैसे खुला फर्जीवाड़ा का पिटारा
जब कुछ ग्राहकों ने खातों में संदिग्ध ट्रांजेक्शन्स की शिकायत की, तब बैंक ने अंदरूनी जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि ग्राहकों के नाम पर फर्जी ऋण, ओवरड्राफ्ट, फिक्स डिपाजिट तैयार किए गए और फर्जी हस्ताक्षर व डॉक्युमेंट से रकम उड़ा ली गई।
इन खातों से की गई बड़ी हेराफेरी
चंदमल अग्रवाल: 31 लाख
मूलचंद कोसरिया: 3 लाख
तीरथ लाल पटेल: 1.5 लाख
बालक दास: 15.6 लाख
प्रमोद टेंभूर्णीकर: 23.1 लाख
राशि लोहिया: 32.6 लाख
एक मामले में तो ग्राहक के नाम से कार लोन लेकर वाहन खरीद लिया गया, और अन्य में चेक व ओटीपी के ज़रिए रकम को ट्रांसफर किया गया।
ओटीपी तक अपने फोन में डायवर्ट कर रखा था!
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि आरोपित ने ग्राहकों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर तक बदल दिए, जिससे बैंक की ओर से आने वाला हर ओटीपी, नोटिफिकेशन और अलर्ट सिर्फ उसी तक पहुंचे।