मध्यप्रदेश

बाबा महाकाल की अटूट भक्ति ! 2000 किमी की पैदल यात्रा कर महाकाल पहुंचा दिल्ली का सॉफ्टवेयर इंजीनियर

मध्यप्रदेश के उज्जैन में दिल्ली के एक भक्त की भगवान के प्रति भक्ति का ऐसा भाव देखने को मिला, जिसकी हर कोई सराहना कर रहा है. भक्त अगर कोई प्रण ले लेता है, तो वह उसे पूरा करने में दिन-रात एक कर देता है. ऐसा ही प्रण मल्टीन्शनल कंपनी में काम करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने लिया था. दिल्ली के रहने वाले कपिल सिंह ने भी एक प्रण लिया था. जिसको अब वे पूरा करने जा रहे है. दरअसल कपिल 30 जून को naga788 ल मंदिर में दर्शन करने पहुंचे. इसके बाद वे ओंकारेश्वर मंदिर, आदि योगी बाबा के दर्शन करते हुए रामेश्वरम में दर्शन कर अपनी यात्रा खत्म करेंगे. 

अब तक कितने किमी चले कपिल सिंह
सॉफ्टवेयर इंजीनियर कपिल सिंह अमरनाथ से रामेश्वरम तक की पैदल यात्रा करने के लिए पूरी तरह समर्पित हैं. कपिल को पूरे 3500 किमी की पैदल यात्रा करनी है. जिसमें से उन्होंने अब तक 2000 किमी की यात्रा की है. 2000 किमी चलकर वे महाकाल के दर्शन करने उज्जैन पहुंचे. इस यात्रा को पूरी करने के लिए कपिल की पत्नी और अन्य परिवार के लोगों ने उनका हौसला बढ़ाया. 30 जून को शुरू हुई इस यात्रा में अब उनको बस 1500 किमी की दूरी और तय करनी है. जिसके बाद उनके द्वारा लिया गया प्रण पूरा होगा. 

2000 किमी पूरे, 1500 अभी भी बाकि 
इस यात्रा के दौरान कपिल जिन मंदिरों के दर्शन करेंगे उनके नाम बताये. उन्होंने कहा कि वे अमरनाथ से गोल्डन टेम्पल, महाकाल मंदिर, ओंकारेश्वर मंदिर, आदि योगी बाबा दर्शन करते हुए रामेश्वरम के दर्शन करेंगे.  इनमें से कुछ मंदिरो के दर्शन वे कर चुके है. अब 1500 किमी की यात्रा कर बाकि बचे मन्दिरों के दर्शन करने पहुंचना है. बता दें कपिल को मल्टीनेशनल कम्पनी से चार महीनें की छुट्टी मिली है. उन्होंने कहा कि मेरे प्रण को देखते हुए कंपनी ने मुझे चार महीने की छुट्टी दे दी थी. उन्होंने आगे बताया कि वे अगले दो महीनें में 1500 किमी और पैदल चलेंगे. जिसके बाद वे अपनी यात्रा सम्पन्न करेंगे. 

हर यात्रा के साथ पौधा लगाकर देते हैं संदेश 
कपिल पैदल चलकर भगवान के प्रति अपने समर्पण के भाव को दिखाने के साथ ही अपना पर्यावरण के प्रति प्यार को भी जाहिर कर रहे हैं. कपिल अपनी यात्रा के दौरान हर रोज पौधा लगा रहे हैं. वे ऐसा करके लोगों को पर्यावरण बचाने का मैसेज दे रहे हैं.  अमरनाथ से पैदल चलकर करीब 55 दिनो में आज उज्जैन पहुंचे हैं. कपिल ने बताया कि देखभाल करने के लिए और खाने-पिने की सुविधा के लिए साथ में एक गाड़ी भी चल रही है. उन्होंने कहा कि रोज कई लोग बीच में मदद भी करने आते हैं. वे कहते है वे कई बार तो मंदिर में ही सो जाते हैं, लेकिन आस्था और जुनून में कोई कमी नहीं आती और वो इस प्रण को पूरा करके रहेंगे. 

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