छत्तीसगढ़ सरकार की शिक्षा और करियर विकास को बढ़ावा देने वाली एक बड़ी पहल से जुड़ी है।

वह छत्तीसगढ़ सरकार की शिक्षा और करियर विकास को बढ़ावा देने वाली एक बड़ी पहल से जुड़ी है। इसका विस्तृत विवरण इस प्रकार है—
योजना का सार
राज्य के कई दूरस्थ और अर्ध-शहरी शहरों में सेंट्रल लाइब्रेरी (Central Library) स्थापित की जाएंगी। इनमें शामिल हैं—
सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, सूरजपुर, बैकुंठपुर, चिरमिरी, कुनकुरी, जशपुर, बलरामपुर और पेंड्रा।
इन शहरों में अभी तक बड़ी और आधुनिक पुस्तकालय सुविधाएँ सीमित थीं, जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को दिक्कत होती थी। नई सेंट्रल लाइब्रेरी इस कमी को पूरा करेंगी।
मुख्य उद्देश्य
- प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सहायता –
इन लाइब्रेरियों में UPSC, CGPSC, SSC, रेलवे, बैंकिंग, इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित उच्च स्तरीय किताबें और अध्ययन सामग्री उपलब्ध होगी। - शैक्षणिक माहौल बनाना –
युवाओं को शांत और अनुकूल वातावरण मिलेगा, जहाँ वे ध्यानपूर्वक पढ़ाई कर सकेंगे। - करियर निर्माण में सहयोग –
यह पहल दूरदराज़ क्षेत्रों के युवाओं को भी वही सुविधाएँ देगी जो बड़े शहरों में उपलब्ध हैं, जिससे शिक्षा में असमानता कम होगी।
सुविधाएँ
- आधुनिक रीडिंग हॉल
- प्रतियोगी परीक्षाओं की रेफरेंस बुक्स
- ई-लाइब्रेरी सुविधा (ऑनलाइन सामग्री तक पहुंच)
- इंटरनेट और कंप्यूटर स्टेशन
- ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू प्रैक्टिस के लिए कमरे

वित्तीय प्रावधान
नगरीय प्रशासन विभाग ने इस योजना के अंतर्गत नालंदा परिसरों (Nalanda Complex) के निर्माण और संचालन के लिए ₹237.58 करोड़ स्वीकृत किए हैं।
ये नालंदा परिसर आधुनिक पुस्तकालयों के साथ-साथ शैक्षणिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में भी काम करेंगे।
संभावित लाभ
- दूरस्थ क्षेत्रों के युवाओं को बड़े शहरों में जाने की आवश्यकता कम होगी।
- शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी सुलभ और किफायती होगी।
- ग्रामीण और शहरी शिक्षा के बीच गैप कम होगा।
- दीर्घकाल में यह राज्य के मानव संसाधन विकास में अहम योगदान देगा।