उच्च न्यायालय का बड़ा निर्देश: 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए स्कूल में मोबाइल–ऑनलाइन गेमिंग पर रोक

उच्च न्यायालय का बड़ा निर्देश: 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए स्कूल में मोबाइल–ऑनलाइन गेमिंग पर रोक, साइबर अपराध रोकने के लिए सख्त गाइडलाइन तैयार करने के आदेश

राजस्थान हाईकोर्ट ने नाबालिग छात्रों की सुरक्षा और स्कूलों में शैक्षणिक वातावरण को सुरक्षित बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं। अदालत ने कहा है कि 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को स्कूल परिसर में मोबाइल फोन, ऑनलाइन गेमिंग और इंटरनेट मीडिया का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इस संबंध में गृह विभाग और शिक्षा विभाग को अभिभावक संगठनों के साथ मिलकर विस्तृत गाइडलाइन तैयार करने का निर्देश दिया गया है।
स्कूलों में मोबाइल और इंटरनेट पर सख्त पाबंदी
हाईकोर्ट का मानना है कि डिजिटल लत, ऑनलाइन गेमिंग, सोशल मीडिया और इंटरनेट दुरुपयोग के कारण बच्चों में
मानसिक तनाव,
अध्ययन में गिरावट,
हिंसक व्यवहार,
और साइबर जोखिम
तेजी से बढ़ रहे हैं।
इसी को देखते हुए 16 वर्ष से कम के बच्चों पर स्कूल में मोबाइल फोन, गेमिंग और इंटरनेट एक्सेस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
एक व्यक्ति के नाम पर 3 से अधिक सिम कार्ड पर रोक
अदालत ने साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं को गंभीर मानते हुए कहा कि कई अपराध
फर्जी पहचान,
अलग-अलग सिम कार्ड,
और डिजिटल दुरुपयोग
के कारण हो रहे हैं।
इसीलिए हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि किसी भी व्यक्ति के नाम पर अधिकतम तीन ही सिम कार्ड जारी किए जाएँ, और इसके लिए राज्य सरकार मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करे।
ठगी मामले की सुनवाई के दौरान दिए गए निर्देश
यह सभी निर्देश न्यायाधीश रवि चिरानिया की एकलपीठ ने ठगी के दो आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए। अदालत ने टिप्पणी की कि अपराधियों को रोकने के लिए केवल गिरफ्तारी काफी नहीं है, बल्कि डिजिटल स्तर पर मजबूत सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता है।



