क्राइम

ईडी की छापेमारी में सामने आया लग्ज़री घोटालों का जाल…

राजनीति की दुनिया से लेकर शेयर मार्केट तक, और वहां से सीधे फाइव स्टार रियल एस्टेट तक राजस्थान में ईडी की ताज़ा कार्रवाई ने ऐसे जाल को बेनकाब किया है जिसमें धोखाधड़ी, दिखावा और दौलत तीनों शामिल हैं। जयपुर, कोटा और टोंक में की गई छापेमारी के दौरान ईडी को डेबाक इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड और नेचुरो इंडिया बुल लिमिटेड के ठिकानों से ₹78 लाख नकद, चार लग्जरी कारें, और करोड़ों की संपत्ति से जुड़े कागजात मिले हैं।

डेबाक कंपनी के संचालक मुकेश मनवीर, जो कभी लोकसभा चुनाव में किस्मत आज़मा चुके हैं, अब ईडी की जांच में फंस चुके हैं। 2019 में टोंक-सवाई माधोपुर सीट से चुनाव लड़ने वाले मुकेश को 4900 वोट तो मिले, लेकिन अपनी चमचमाती बेंटली के दम पर उन्होंने खुद को “सफल” दिखाने की कोशिश जरूर की।

जमीन से जुड़ा खेल

ईडी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मुकेश ने वित्तीय धोखाधड़ी के जरिए ₹100 करोड़ से अधिक की रकम को जमीनों, विला, होटल और हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में बदल दिया। जयपुर के टोंक रोड पर एक भव्य रेसिडेंशियल स्कीम भी प्रस्तावित थी, जो अब जांच के घेरे में है।

फर्जीवाड़े की शुरुआत शेयर कारोबार में निवेश के नाम पर आम लोगों से पैसे इकट्ठा करने से हुई, जिसे फिर प्रॉपर्टी और लाइफस्टाइल में झोंक दिया गया। नेचुरो इंडिया बुल और नेचुरो एग्रोटेक के संचालकों गौरव जैन और ज्योति समेत 6 ठिकानों पर की गई छापेमारी में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, बैंक डिटेल्स और फर्जी निवेश स्कीमों के साक्ष्य मिले हैं।

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