अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की घोषणा….

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा 1 अगस्त से भारत से आयात पर 25% टैरिफ और रूस से तेल एवं रक्षा संबंधी खरीद पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बाद, भारतीय शेयर बाज़ार में भारी गिरावट दर्ज की गई।
नीचे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की घोषणा—1 अगस्त से भारत से आयात पर 25% टैरिफ और रूस से तेल व रक्षा खरीद पर अतिरिक्त प्रतिबंध—के बाद भारतीय शेयर बाज़ार में दर्ज व्यापक गिरावट का व्यापक और विश्लेषणात्मक विवरण प्रस्तुत है:

📌 समर्थन – घोषणा का मुख्य तथ्य
- ट्रम्प ने 30 जुलाई 2025 को घोषणा की कि 1 अगस्त से भारत से होने वाले सभी आयात पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा, साथ ही रूस से तेल एवं रक्षा खरीद के लिए अतिरिक्त अनिर्दिष्ट दंड भी लागू होंगे।
- उन्होंने यह कदम उठाते हुए कहा कि भारत उच्च आयात शुल्क और व्यापार बाधाओं वाला देश है, तथा वैश्विक व्यापार में भारत–रूस के साथ उनका गठबंधन “गिरते अर्थव्यवस्थाओं” की तरह है।
📉 बाज़ार प्रतिक्रिया – गिरावट का विश्लेषण
- BSE Sensex लगभग 600–800 अंक तक फिसल गया, जबकि Nifty 50 लगभग 0.6–0.7% की गिरावट लेकर खुला। Sensex लगभग 80,880–80,963 स्तर पर ट्रेड कर रहा था, और Nifty करीब 24,700–24,703 पर खुला।
- निवेशक पैनिकिंग सेलिंग में लग गए—महज 15 मिनट में ₹5 लाख करोड़ से अधिक की बाज़ार पूंजी गिर गई।
- सभी 16 प्रमुख सेक्टरों में नुकसान दर्ज हुआ। विशेष रूप से फार्मा, ऑटोमोबाइल (auto components), रसायन, टेक्सटाइल्स—जिनमें अमेरिका को भारी निर्यात होता है—उनमें बिकवाली तेज रही।
💼 प्रभावित सेक्टर्स और विश्लेषकों की राय
- फार्मास्युटिकल्स, ऑटो क्लम्पोनेंट्स, टेक्सटाइल्स, केमिकल्स जैसी निर्यात आधारित इंडस्ट्रीज सबसे अधिक प्रभावित हुईं।
- टेक कंपनियों व आयात निर्भर उद्योगों ने भी गिरावट महसूस की।
- रक्षा और ऊर्जा संबंधी निर्यात पर भी अनिर्दिष्ट दंड लागू होने की आशंका से भारी अवशिष्ट असर रहा।
📊 विशेषज्ञ विश्लेषण: मध्य से दीर्घकालिक दृष्टिकोण
- Nilesh Shah (Kotak Mahindra AMC): बाज़ार को अल्पकालिक गिरावट की संभावना है, पर दीर्घकालिक दृष्टिकोण से निवेश में निरंतरता हो सकती है, यदि आयात टैरिफ समझौते के बाद घटकर 20% अथवा उससे कम हो जाता है (TACO – Trade Agreement on Competitive Offerings)।
- VK Vijayakumar (Geojit): यदि ये टैरिफ लंबे समय तक 25% पर रहते हैं, तो यह अर्थव्यवस्था व GDP рост को प्रभावित करेगा। लेकिन यदि यह घटकर ~20% तक आता है, तब असर सीमित और संभालने योग्य रहेगा।
- Goldman Sachs भविष्यवाणी करता है कि भारतीय इक्विटी का प्रदर्शन निकट अवधि में कमजोर रह सकता है, क्योंकि निर्यात-आधारित सेक्टरों पर दबाव रहेगा।
🌍 वैश्विक संदर्भ और विस्तार
- यह कदम ट्रम्प की व्यापक व्यापार नीति का हिस्सा है—ब्राजील, यूरोप, चीन पर भी नए टैरिफ लगे हैं। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में ये नीतियाँ मुद्रास्फीति, विनिर्माण लागत (2–4.5%) तथा वैश्विक आपूर्ति शृंखला में तनाव उत्पन्न कर सकती हैं।
- हालिया ट्रेड वार ने अप्रैल 2025 में पहले भी वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट ला चुकी थी—यह हर तेज व्यापार उत्तरदायित्वग्रस्त स्थिति की अनुस्मरण है। ऐसे माहौल में भारत जैसे निर्यात आधारित अर्थव्यवस्थाएं अधिक संवेदनशील होती हैं।
📝 सारांश तालिका
विषय | विवरण |
---|---|
🔺 घोषणा | ट्रम्प ने भारत आयात पर 25% टैरिफ + रूस से खरीद पर penalty का एलान किया। |
🔻 बाज़ार प्रभाव | Sensex ~600–800 अंक Down; Nifty 0.6–0.7% गिरा; ₹5 लाख करोड़ से अधिक कैपिटल लॉस्ट। |
📉 संवेदनशील सेक्टर्स | फार्मा, ऑटो, टेक्सटाइल, केमिकल्स, निर्यात-आधारित उद्योग प्रभावित। |
💡 विशेषज्ञ सलाह | अल्पकालिक गिरावट; “डिप में खरीदारी” रणनीति अपनाएं; दीर्घकालीन सुधार की उम्मीद। |
🌐 वैश्विक परिप्रेक्ष्य | अमेरिकी व्यापार नीतियाँ वैश्विक बाजारों में अस्थिरता लाकर भारतीय बाजारों को प्रभावित। |
🧭 निष्कर्ष
ट्रम्प की घोषणा से भारतीय शेयर बाजार में स्पष्ट खालीपन और बिकवाली की भावना दिखी—निर्यात उद्योगों को सबसे अधिक झटका लगा। हालांकि, निवेशक अभी भी आशावादी रह सकते हैं क्योंकि बातचीत जारी है और टैरिफ दर घटने की संभावना है। यदि मध्य अगस्त तक बातचीत सकारात्मक होती है, तो बाज़ार में धीरे-धीरे सुधार दृष्टिगोचर हो सकता है।