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शोले की ‘धुआंधार’ वापसी — इस बार बिना कट के…सीधे इटली में…

1975 में रिलीज़ हुई ‘शोले’ को सलीम-जावेद की जोड़ी ने लिखा और रमेश सिप्पी ने निर्देशित किया था। फिल्म में जय और वीरू की दोस्ती, गब्बर सिंह की खलनायकी और ठाकुर बलदेव सिंह की न्यायप्रियता जैसे किरदार आज भी भारतीय CINEMA की आत्मा माने जाते हैं।

“कुछ फिल्में जीवनभर के लिए स्मृति में अंकित हो जाती हैं। शोले मेरे लिए वैसी ही एक फिल्म है।”
ग्लोबल सिनेमा में ‘शोले’ की अहमियत
Cinema Ritrovato जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर बिना कट के वर्जन की स्क्रीनिंग INDIAN सिनेमा की विरासत को वैश्विक मंच पर सम्मान दिलाती है। फिल्म के मूल संस्करण को बहाल कर प्रेसर्वेशन की दिशा में बड़ा कदम भी माना जा रहा है।